लखनऊ: सरकार से कर्मचारियों के नाराजगी की वजह आई सामने

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ,अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार से कर्मचारी नाराज हैं। इसके पीछे की वजह उनकी मांगों का नहीं माना जाना है। इसके अलावा सीएम का कर्मचारी संगठनों से मुलाकात न करना भी रहा है। इस बात की जानकारी कर्मचारी संगठन के पत्र से सामने आई है।

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कर्मचारियों कि लंबित मांगों पर तत्काल बैठक कर निर्णय करने की मांग की है। जिससे कर्मचारियों कि मांगों पर जल्द फैसला हो सके।

उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। जिसमें आग्रह किया किया कि मोर्चा से संबद्ध कर्मचारी शिक्षक संगठनों की मांगों पर तत्काल बैठक कर निर्णय कराया जाये।

उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर 2021 को  तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिसमें मांगों को जल्द पूरी करने की बात कही गई थी।

उन्होंने बताया कि मांग न पूरी होने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक छति उठानी पड़ रही है। मोर्चा ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुये कहा है कि आप से बैठक करने का आग्रह किया था, लेकिन आपके स्तर से एक बार भी बैठक और भेंट नहीं हुई। जिससे कर्मचारी परिवार नाराज है।

मोर्चा से संबद्ध कर्मचारी शिक्षक संगठनों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, जवाहर भवन, इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ आदि शामिल हैं। 

यह है मांग

  1. वेतन समिति की संस्तुतियों को तत्काल लागू किया जाए जिससे वेतन विसंगतियां ,सेवा
    नियमावली ,कैडर पुनर्गठन, रिक्त पदों पर नियमित भार्तियां और पदोन्नतियां।
    2. आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन और रिक्त होने वाले पदों पर वरीयता।
    3. स्थानीय निकाय कर्मचारियों के दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण, कैडर पुनर्गठन सेवा नियमावलियों का प्रावधान।
    4. राज्य के निगमों को सुदृढ़ करके कर्मचारियों के वेतन महंगाई भत्ते की बकाया किस्त, सेवानिवृत कर्मचारियों के देयको का भुगतान, कैडर पुनर्गठन आदि।
    5. रोडवेज की लंबित मांगे बकाया मंगाई भत्ते का भुगतान, रिक्त पदों पर नियमित भर्ती, पदोन्नतियां।
    6. माध्यमिक शिक्षक विभाग के तदर्थ अध्यापकों का विनियमितीकरण।
    7.कोविड के दौरान नगर भत्ता सीसीए आदि भत्तों की बहाली।

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