रामपुर : लावारिस बच्चे के मामले ने खोल दी सिस्टम की पोल, BJP विधायक ने किया फोन, DPO ने नहीं दिया जवाब...DM तक पहुंचा मामला
शहर विधायक फोन कराते रहे, डीपीओ ने नहीं दिया जवाब सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को मिला था लावारिस बच्चा, विधायक आकाश सक्सेना को शिशु सदन में मिलीं कमियां
थाना सिविल लाइन में बच्चे को खिलाते विधायक आकाश सक्सेना
रामपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को मिले लावारिस बच्चे की जानकारी शहर विधायक आकाश सक्सेना को मिली, तो वह आधी रात थाने पहुंच गए। देखा तो बच्चे को बुखार था। वहां इंस्पेक्टर के साथ बच्चे को जिला अस्पताल लेकर गए और उसका प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन ले जाया गया, देखा तो वहां कोई कर्मचारी ही मौजूद नहीं था। इस पर विधायक का पारा चढ़ गया। सहयोगी से जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को फोन मिलवाया, लेकिन फोन कॉल का जवाब नहीं मिला। इंस्पेक्टर ने भी फोन किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। एक बच्चे के केस ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी। अब उन्होंने जिलाधिकारी से डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मामला सिविल लाइंस थाने का है। पुलिस को सूचना मिली कि राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कालेज के पास एक लावारिस बच्चा है। इसकी उम्र करीब दो साल है। इंस्पेक्टर अजय शर्मा मौके पर पहुंचे और बच्चे को लेकर आ गए। उन्होंने बच्चे को दूध पिलवाया। इस बीच मामले की जानकारी शहर विधायक आकाश सक्सेना को मिली तो वह थाने पहुंचे। उन्होंने देखा तो बच्चे को बुखार था। विधायक ने अपने सहयोगी से डीपीओ को फोन कराया। करीब 20-25 कॉल के बाद भी डीपीओ ने कोई जवाब नहीं दिया।
इंस्पेक्टर ने बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। बाद में विधायक सिविल लाइंस इंस्पेक्टर के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। जहां बच्चे का प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन ले जाया गया। चाइल्ड लाइन में कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला। यहां से रात करीब दो बजे विधायक बच्चे को लेकर राजकीय शिशु सदन पहुंचे, जहां स्टाफ ने फोन कर अधीक्षक रामेंद्र शेखर को घर से बुलाया।
विधायक ने शिशु सदन का उपस्थिति रजिस्टर चेक किया, तो शिवशंकर नाम के कर्मचारी की तैनाती शिशु सदन में थी, लेकिन वह मौके पर नहीं थे। जानकारी की तो पता लगा कि शिवशंकर डीपीओ के चालक हैं, जो तीन जून से एक पैन से हस्ताक्षर कर रहे हैं। यही नहीं डीपीओ ने 10 जून तक एक भी दिन शिशु सदन जाकर नहीं देखा। जिस पर विधायक ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने सुबह को जिलाधिकारी जोगेन्द्र सिंह को पूरे मामले की जानकारी दे दी है।
विधायक की शिकायत के बाद एक्शन में डीएम, बीडीओ का चार्ज छीना
शहर विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत के बाद जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह एक्शन में आ गए। दरअसल, डीपीओ लवकुश भार्गव के पास चमरौआ के खंड विकास अधिकारी का चार्ज भी है। ऐसे में शुरूआती शिकायत के बाद ही डीएम ने लवकुश भार्गव से चमरौआ खंड विकास अधिकारी का चार्ज छीन लिया है। साथ ही इस प्रकरण में डीपीओ की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
एक लावारिस बच्चे की जानकारी मिली थी, जिस कारण हम सिविल लाइंस थाने गए थे। वहां से अस्पताल लेकर गए और फिर उसे महिला कल्याण विभाग से संचालित चाइल्ड लाइन लेकर गए। लेकिन, कोई स्टाफ उपस्थित नहीं था। बच्चों के प्रति डीपीओ के अमानवीय रवैये से आहत हैं। एक बच्चे के केस ने जिला अस्पताल से लेकर प्रोबेशन विभाग के अफसरों की कार्यशैली की पोल खोल दी है। हमने मामले की जानकारी जिलाधिकारी को भी दे दी है और सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है। - आकाश सक्सेना, शहर विधायक
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