Kannauj: नहर को 22 हेक्टेयर जमीन और पांच करोड़ की दरकार, वन विभाग से एनओसी लेकिन किसानों के 13 मामले अभी भी लंबित
सिंचाई विभाग डार्कजोन नहर परियोजना में गतिरोध खत्म करने को प्रयासरत
कन्नौज, अमृत विचार। डार्कजोन नहर परियोजना में गतिरोध को खत्म करने के लिए सिंचाई विभाग प्रयास कर रहा है, लेकिन राह में कई रोड़े हैं। विभाग की मानें तो नहर को पूरा करने के लिए अभी 22 हेक्टेयर जमीन और पांच करोड़ रुपये की दरकार है, जिसके लिए शासन को पत्राचार किया जा रहा है। हालांकि वन विभाग ने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) दे दिया है, लेकिन किसानों के 13 मामले अभी भी लंबित हैं।
जनपद में 161 करोड़ रुपये की लागत से बन रही डार्कजोन नहर परियोजना को 2018 तक पूरा किया जाना था। मिघौली डिबाई का विस्तार कर खोजीपुर से मतौली तक डार्कजोन ब्लॉक तालग्राम व जलालाबाद में सिंचाई के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहीत की गई थी। छिबरामऊ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तालग्राम ब्लॉक में वन विभाग की काफी जमीन है। सिंचाई विभाग ने एनओसी नहीं लिया, जिस पर पेनाल्टी लगा दी गई थी। अब वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है लेकिन उतनी ही भूमि सिंचाई विभाग को वन विभाग के लिए उपलब्ध करानी होगी।
तालग्राम व जलालाबाद ब्लॉक में करीब 22 हेक्टेयर जमीन पर अभी नहर की खोदाई नहीं की गई और न ही जमीन अधिग्रहीत की गई है। तीन मामले हाईकोर्ट में पहले से ही विचाराधीन हैं, जबकि दस मामले राजस्व अधिकारियों के पास लंबित हैं। अधिकारियों की मानें तो जितना बजट शासन से मिला था, उससे नहर खोदाई समेत पुल-पुलिया तथा रजबहों का निर्माण कराया गया है। अब बजट खत्म होने से नहर का निर्माण अधर में लटक गया है। भूमि अधिग्रहण के लिए करीब पांच करोड़ तो परियोजना को पूरा करने के लिए करीब 32 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
डार्कजोन नवीन नहर परियोजना
नहर की कुल लंबाई : 27.877 किमी
नहर की चौड़ाई : 7.01 मीटर
सिंचित क्षेत्रफल : 3800 हेक्टेयर
परियोजना की कुल लागत : 161.09 करोड़ रुपये
नहर के लिए अधिग्रहीत भूमि : 125 हेक्टेयर
नहर की जल क्षमता : 300 क्यूसेक
माइनर एवं रजबहा : 38 किमी
पुल एवं छोटी पुलिया : 81
36.09 करोड़ रुपये अब भी बाकी
डार्कजोन नवीन नहर परियोजना के लिए 161.09 करोड़ रुपये का बजट वर्ष 2016 में निर्धारित किया गया था, जिसमें प्रथम किस्त के रूप में 109 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे। दूसरी किस्त में 16 करोड़ रुपये और दिए गए। अब भी 36.09 करोड़ रुपये बाकी है, जिसमें 22 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीदनी है और अवशेष माइनरों व पुल-पुलिया का निर्माण भी पूरा करना है।
शासन को बजट के लिए पत्र भेज दिया है। जिलाधिकारी के माध्यम से नहर निर्माण में सभी गतिरोधों को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जो कोर्ट केस हैं, उनको भी देखा जा रहा है। बजट मिलते ही काम पूरा हो जाएगा।- सूर्यमणि सिंह, अधिशासी अभियंता (सिंचाई खंड)
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