प्रतापगढ़ मौलाना हत्याकांड: अफसरों के आश्वासन के बाद भी सदमे में सोनपुर का ब्राम्हण परिवार, जानें वजह

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Published By Deepak Mishra
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प्रतापगढ़,अमृत विचार। जेठवारा के सोनपुर गांव में पुलिस के जवान सुरक्षा की  दृष्टि से रात दिन पहरा दे रहे हैं। पीड़ित परिवार से मिलने सपा के प्रतिनिधि मंडल के सोनपुर गांव पहुंचने की खबर पर राजनीतिक सरगर्मी  भी तेज हो गई और हिंदू संगठन भी एकजुट होकर सोनपुर गांव में  बेगुनाह पीड़ित परिवार की मदद के लिए पहुंचने का मन बनाने लगे।
 
मदरसा संचालक मौलाना फारूक की हत्या के हफ्ते भर बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई। पूरे गांव में आज भी दहशत का माहौल बरकरार है। कई घरों में अभी भी ताले लटक रहे हैं। अफसरों के तमाम प्रयास के बाद भी कई ब्राह्मण परिवार सदमे में हैं और वह घर वापस आने के लिए तैयार नहीं हैं।

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सोनपुर गांव में पसरा सन्नाटा व गांव के बाहर बैरीकेडिंग लगाकर तैनात पुलिसकर्मी

 

प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल प्रभाव से किसी भी राजनीतिक गतिविधि पर रोक लगा दी और ऐहतियात के तौर पर कई थानों की फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया है,बावजूद इसके लोगों के चेहरों पर दहशत साफ देखी जा रही है। 
मौलाना की हत्या में मुख्य नामजद आरोपी जेल जा चुके हैं, लेकिन घटना के वक्त मौके पर जुटी भीड़ ने आरोपी के साथ-साथ गांव के निर्दोष हिंदूओं के घरों में घुसकर तोड़फोड़ की, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

प्रतिशोध की इस घटना में गांव के दिनेश चंद्र पांडेय, जयप्रकाश पांडेय, राजेश चंद्र पांडेय, अनिल कुमार पांडेय, रमाकांत पांडेय, लाला पांडेय आदि करीब सात हिंदू ब्राह्मण परिवार आज भी रिश्तेदारों के यहां शरणार्थी बने हैं और अपने घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

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