लखनऊ: इप्सेफ की सरकार से अपील-कर्मचारियों का न करें ट्रांसफर, कहा- चुनाव में नाराजगी के बाद भी नहीं किया कोई बड़ा आंदोलन

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि भीषण गर्मी में कर्मचारियों के स्थानांतरण न किए जाएं । स्वेच्छा से स्थानांतरण चाहने वाले कर्मचारियों को ही समायोजित किया जाए।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने मुख्यमंत्री  को पत्र भेज कर आग्रह किया है कि इस भीषण गर्मी में कर्मचारियों के स्थानांतरण न किए जाएं। इस भीषण गर्मी में स्थानान्तरण करने से कर्मचारियों की गृहस्थी अस्त व्यस्त हो जाएगी। कर्मचारी परिवार उन्ही के परिवार हैं उनकी पीड़ा का ध्यान रखना सरकार का दायित्व है। 

स्थानान्तरण नीति में पुरानी व्यवस्था लागू
वीपी मिश्र ने कहा कि बीते वर्ष कर्मचारी संगठनों के जनपद अध्यक्ष/ मंत्री का स्थानांतरण कर दिया गया था। जिनको संबंधित जनपदों में वापस किया जाए। इसके पीछे की वजह मौजूद समय में स्थानान्तरण नीति में पुरानी व्यवस्था लागू है। नई स्थानांतरण नीति में 2 वर्ष कार्यकाल पूर्ण होने के बाद पुनः पदाधिकारी बन जाने पर कर्मचारियों को पदाधिकारी नहीं माना जाता था। जिसका विरोध हुआ। जिस पर अब स्थानानन्तरण में पुरानी व्यवस्था  लागू कर दी गई है। ऐसे चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के ही कुछ मामले हैं। 

वीपी मिश्र ने मुख्यमंत्री को बधाई दी है कि इस वर्ष की स्थानांतरण नीति में वह प्रकरण हटा लिया गया है। वीपी मिश्र ने कहा है कि कर्मचारी संगठन शासन और कर्मचारियों के बीच सेतु का कार्य करते हैं । इसलिए उन्हें मजबूत किया जाना चाहिए ना कि कमजोर करने की नीति अपनाई जाए। इसका सबूत है कि विगत चुनाव में नाराज रहते हुए कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया किया जाये।

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