कासगंज: दूध में मिलावट के दो आरोपियों को कोर्ट ने किया दोषमुक्त 

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Published By Vishal Singh
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लगभग 15 वर्ष पूर्व हुआ था आरोपियों के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत 

कासगंज , अमृत विचार। लगभग 15 वर्ष पूर्व नगर पालिका परिषद कासगंज के तत्कालीन खाद्य निरीक्षक ने दो दूध विक्रेताओं के विरुद्ध दूध में मिलावट करने के आरोप में परिवाद प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के अभाव में दूध में मिलावट करने के दोनों आरोपियों को दोषमुक्त किया है। 

नगर पालिका परिषद कासगंज के तत्कालीन खाद्य निरीक्षक वाई . ए.खान ने न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत कर कहा कि उन्होंने जिला कासगंज के ग्राम कल्यानपुर निवासी दूध वितरक टीकम सिंह से कासगंज के बिलराम गेट पर नियमानुसार दूध का सैंपल लिया था। सैंपल लिए जाते समय दूध वितरक टीकम सिंह ने खुद को तनवीर अहमद मदनी निवासी मुहल्ला नवाब कासगंज का नौकर होना बताया तथा तनवीर अहमद का दूध होना बताया। जन विश्लेषक मेरठ को जांच के लिए भेजे सैंपल की रिपोर्ट में दूध में मिलावट होना पाया गया और दूध में 24 फीसदी फैट कम होना पाया गया। 

जन विश्लेषण मेरठ से 10 अगस्त 2007 को प्राप्त हुई रिपोर्ट के आधार पर खाद्य निरीक्षक ने तनवीर अहमद व टीकम सिंह के विरुद्ध पी एफ एक्ट की धारा-7/16 के तहत न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय के आदेश से 10 सितंबर 2009 को विचारण के लिए तलव किए गए आरोपियों ने न्यायालय उपस्थित आकर आरोप से इनकार किया और परीक्षण की मांग की। 

इसके बाद साक्ष्य के रूप में परिवादी खाद्य निरीक्षक वाई. ए .खान ने स्वयं को परीक्षित कराया, लेकिन वह आरोपियों के अधिवक्ता केशव मिश्रा एडवोकेट द्वारा की गई जिरह में कोई संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। साथ ही अधिकांशतः प्रश्नों के जवाब में कहा कि मैं पत्रावली को देखकर बता सकता हूं। वह टीकम सिंह को तनवीर अहमद मदनी का नौकर होना भी सिद्ध नहीं कर सके। केशव मिश्रा एडवोकेट ने बताया कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीशान मसूद ने प्रकरण में दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को दोषमुक्त किया है।

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