Kanpur News: युवा सीख सकेंगे जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिश भाषा...आईटीआई में युवाओं का पंजीकरण हुआ शुरू

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Published By Nitesh Mishra
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कौशल विकास के तहत नई कार्ययोजना आई

कानपुर, अमृत विचार। कौशल विकास के तहत युवा अब जिले में फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश भाषा भी सीख सकेंगे। इसके लिए युवाओं का पंजीकरण शुरू हो गया है। यह पंजीकरण आईटीआई में हो रहा है। रजिस्ट्रेशन के बाद ट्रेनिंग पार्टनर के सेंटर पर इन युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। माना जा रहा है कि विदेशी भाषा सीखने के बाद स्किल वर्कर के लिए विदेश में नौकरी के रास्ते भी खुल सकेंगे। 

कौशल विकास के तहत तीन महत्वपूर्ण भाषाओं को सिखाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव के तहत पंजीकरण कराने वाले युवाओं की संख्या के आधार पर ट्रेनिंग पार्टनर की ओर से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। पंजीकरण कराने वाले युवाओं को कोर्स करने के लिए वहां तक जाना होगा, जहां पर ट्रेनिंग पार्टर अपना सेंटर बनाएगा। कोर्स को करने के लिए युवाओं को अपने घर के नजरीक के क्षेत्र में संचालित आईटीआई तक जाना होगा। वहां पर ऑफलाइन पंजीकरण कराना होगा। 

पंजीकरण के लिए नोडल केंद्र के रूप में आईटीआई पांडु नगर को बनाया गया है। हाल ही कौशल विकास के तहत विदेशी भाषाओं के सिखाने के लिए शुरू हुए पंजीकरण के लिए संस्थान परिसर युवा पूछताछ के लिए पहुंचने लगे हैं। 
युवाओं को मिलने वाली नई सुविधा पर आईटीआई पांडु नगर के प्रधानाचार्य और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के समन्वयक अमित पटेल ने बताया कि युवाओं को पंजीकरण के लिए संस्थान में किसी तरह की असुविधा न हो सके, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। युवाओं तक तीनों भाषाओं के प्रशिक्षण के लिए पूरी जानकारी दी जा रही है।

स्किल वर्कर की जरूरत

संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि विदेशों में कोरोना काल के बाद नौकरी का रुझान बदल गया है। अब वहां पेशेवर युवाओं के साथ ही स्किल वर्कर भी भारी मांग हैं। ऐसे में युवाओं के विदेशी भाषा सीखने और इसके साथ ही कौशल विकास के तहत अन्य स्किल सीखने के बाद विदेश में उनके नौकरी करने की राह आसान हो सकेगी।

तीन महीने विलंब हुआ सत्र 

इस बार कौशल विकास मिशन का सत्र शुरू होने में लगभग तीन महीने की देरी हो गई है। माना जा रहा है कि ट्रेनिंग पार्टर को मिशन की ओर से मिलने वाला लक्ष्य जुलाई के अंतिम सप्ताह या फिर अगस्त के पहले सप्ताह तक खिसक सकता है। अधिकारियों का मानना है कि तीनों भाषाओं के लिए सत्र शुरू होने तक किए जाने वाले पंजीकरण के अनुसार ही कोर्स का संचालन हो सकेगा। यदि किसी भाषा में पंजीकरण कम होगा या नहीं होगा तो उसका प्रशिक्षण ट्रेनिंग पार्टन के जरिए नहीं कराया जाएगा।

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