एशियाई देशों के बीच अराजकता न फैलाए नाटो, चीन ने दी धमकी

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Published By Bhawna
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बीजिंग। चीन ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) पर दूसरों की कीमत पर सुरक्षा का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उससे कहा कि वह एशियाई देशों के बीच ऐसी 'अराजकता' न फैलाए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को यह बयान नाटो द्वारा चीन पर यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को 'बढ़ावा देने' का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने संवाददाताओं से कहा, ''नाटो द्वारा यूक्रेन के मुद्दे पर चीन की जिम्मेदारी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना अनुचित है और इसके पीछे गलत इरादे हैं।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर चीन का रुख निष्पक्ष है। यूक्रेन में जारी युद्ध के चलते चीन ने अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों से अपने संबंध तोड़ लिए हैं और उसने कीव में रूस के बढ़ते हमलों की निंदा करने से भी इनकार कर दिया है। इसी के साथ चीन ने युद्ध के बाद से रूस के साथ अपने व्यापार को बढ़ाया है, जिससे उसे पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव का कम सामना करना पड़ रहा है। वाशिंगटन में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में उसने कहा कि चीन ने रूस के साथ अपनी 'बिना सीमा वाली साझेदारी' और उसके रक्षा औद्योगिक आधार का बड़े पैमाने पर समर्थन करने के माध्यम से युद्ध को बढ़ावा दिया है।

लिन ने कहा कि रूस के साथ चीन का व्यापार वैध एवं उचित है तथा विश्व व्यापार संगठन के नियमों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नाटो की 'तथाकथित सुरक्षा' अन्य देशों की सुरक्षा की कीमत पर आती है। चीन ने रूस के इस तर्क का समर्थन किया है कि नाटो का विस्तार रूस के लिए खतरा है। चीन ने उसके आसपास के क्षेत्र के देशों के साथ नाटो के उभरते रिश्तों के बारे में चिंता जताई। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया ने इस सप्ताह नाटो शिखर सम्मेलन में अपने नेताओं या प्रतिनिधियों को भेजा।

लिन ने कहा, ''चीन नाटो से आग्रह करता है कि वह चीन की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करना और चीन की छवि को धूमिल करना बंद करे तथा यूरोप में अशांति पैदा करने के बाद एशिया-प्रशांत के देशों के बीच अराजकता न फैलाए।

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