14 राज्यों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति, यूपी में क्यों नहीं ? यहां मिल रहे साल में 167 अवकाश, जानिए अब कैसे होगा काम
अमृत विचार लखनऊ । प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था शुरू होते ही विरोध होने लगा तो मामला शासन तक पहुंचा, जिसके बाद इसे दो माह के लिए स्थागित कर दिया गया है। जबकि देश के 14 अन्य राज्यों में शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन हो रहीहै। इनमें गोवा, राजस्थान, झारखंड, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना व असम शामिल हैं, जबकि यूपी में इसे स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि प्रदेश में शिक्षक पहले ही दिन से ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था के विरोध में सड़क पर उतर आये। सवाल यह है कि जब देश के 14 राज्यों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति हो सकती है तो प्रदेश में क्यों नहीं? दरअसल, शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षकों की समय से उपस्थिति के लिए 8 जुलाई से ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की थी। इसके तहत 6.24 लाख सरकारी शिक्षकों में से पहले दिन 16,500 ने अपनी ऑनलाइन उपस्थिति भी दर्ज कराई। दूसरे दिन से ऑनलाइल उपस्थिति दर्ज कराने वालों की संख्या में कमी आती गई, अब यह संख्या सिमट कर 500 के करीब आ गई।
शिक्षक संघ बता रहे यह दिक्कत
शिक्षक संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी के बीच किसी की तबीयत बिगड़ती है या उसके किसी परिचित के साथ कोई ट्रेजडी हो जाती है तो उसका क्या होगा, क्योंकि ऐसी स्थिति में शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, न ही कोई हाफ डे, न कोई ईएल के अवकाश की व्यवस्था है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें एक वर्ष में सिर्फ 14 सीएल अवकाश ही मिलते हैं।
365 दिनों में मिलते हैं 167 अवकाश
सरकार ने एक वर्ष में 56 सार्वजनिक अवकाश घोषित किए हैं। 52 रविवार या फिर किसी-किसी वर्ष में 53 रविवार भी होते हैं। 15 दिन सर्दी के मौसम में अवकाश, 30 दिन ग्रीष्मावकाश, इसके अलावा वर्ष में मिलने वाले 14 सीएल अवकाश भी होते हैं। इस तरह से कुल 167 दिन शिक्षकों को अवकाश मिलता है। वहीं, इनके मेडिकल अवकाश को आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में रखा गया है। जबकि सत्र 220 दिनों से कम नहीं होना चाहिए।
शिक्षक नेता स्कूल न जाएं, ऐसी कोई नियमावली नहीं
प्रदेश में मौजूदा समय में करीब एक दर्जन शिक्षक संगठन सक्रिय हैं। इनकी मान्यता हो या न हो, लेकिन कहीं भी नियमावली में यह नहीं है कि कोई शिक्षक नेता स्कूल पढ़ाने नहीं जायेगा। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से जांच में पाया गया कि कोई शिक्षक नेता स्कूल पढ़ाने नहीं जाता है। तत्कालीन शिक्षा महानिदेशक द्वारा बीते वर्ष 10 जुलाई से 11 जुलाई के बीच इसकी जांच में भी यह स्पष्ट हो गया था।
महिला शिक्षकों को मिलते हैं ये अलग अवकाश
सरकारी स्कूलों में महिला शिक्षकों को करवाचौथ, हरियाली तीज, हरछठ, छठ पूजा पर अवकाश मिलता है, जबकि इसी विभाग में कार्यरत महिला (अधिकारी व बाबू) को ये छुट्टी नहीं मिलती हैं।
सरकार ने शिक्षकों के लिए किए कई कार्य
योगी सरकार ने शिक्षकों की सुविधा के लिए जो ऑनलाइन कार्य शुरू किए हैं, उनमें सीएल, सीसीएल, मेडिकल, एरियर भुगतान, शिक्षकों का मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन ब्योरा सहित कई ऐसे कार्य शामिल हैं, जिससे शिक्षकों को कोई परेशानी नहीं है।