Budget 2024: सत्ताधारियों को रास आया आम बजट, विपक्षी दलों को लगा निराशाजनक, बताया खोखले वादों का पुलिंदा
बांदा, अमृत विचार। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया और लगातार सातवीं बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन गई हैं। हालांकि बजट में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गयाा है। जबकि करमुक्त आय की सीमा को घटाकर तीन लाख करने से मध्यमवर्गीय परिवारों को झटका लगा है।
लेकिन बजट के प्रावधानों पर व्यापारी वर्ग खासा गदगद है और किसान, बेराेजगार और छोटे-मध्यम व्यापारियों के लिए राहत भरा बजट बताया है। उधर विपक्षी दलों ने बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपा और कांग्रेस का कहना है कि बजट में जनता नहीं बल्कि सरकार और सहयोगी दलों के हिताें को ध्यान में रखा गया है। मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट में जहां किसानों, बेरोजगारों और छोटे व मध्यम व्यापारियों के साथ ही सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ प्रावधान करके खुश करने का प्रयास किया गया है।
बजट के प्रावधानों को लेकर सत्ताधारी भाजपा के लोगों ने जहां खुशी जाहिर की है और बजट को सबका साथ-सबका विकास की परिकल्पना को साकार करने वाला बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने बजट को खोखले वादों का पुलिंदा और सरकार बचाने वाला बजट करार दिया है। भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष डा.धर्मेंद्र त्रिपाठी ने बजट को सभी वर्गों को राहत पहुंचाने वाला बताया है।
.jpg)
कहा है कि देश की मोदी सरकार ने प्रत्येक राज्य के लिए अलग से बजट का प्रावधान करके प्रदेशों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश शुरू की है, जिससे प्रदेशों की आम जनता को राहत मिल सकेगी। आम बजट को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा है कि मोदी सरकार ने बजट के प्रावधानों में जनता का नहीं बल्कि सहयोगी दलों का विशेष ध्यान रखा गया है।
यह बजट सरकार बचाओ की परिकल्पना से प्रेरित है। बिहार और आंध्रप्रदेश को विशेष पैकेज देकर खुश करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बजट को कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र की नकल बताया, कहा कि सरकार ने आम जनता के लिए खोखले वादे करके भद्दा मजाक किया है। इसका असर आने वाले चुनावों में स्पष्ट देखने को मिलेगा। सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने मोदी सरकार के बजट को किसानों के साथ छलावा बताया है।
कहा है कि एमएसपी कानून बनाने और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने का बजट में कोई प्रावधान नहीं है। वहीं अन्ना मवेशियों से किसानों की फसलें बचाने का भी कोई जिक्र नहीं है। श्री निषाद ने बुंदेलखंड के लिए कोई पैकेज जारी न किए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की है। सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव ओमनारायण त्रिपाठी विदित ने सरकार के बजट को हताशा और निराशा भरा करार दिया। कहा कि बजट के प्रावधानों को देखकर किसानों और नौजवानों को गहरी निराशा हुई है। कहा कि मोदी सरकार ने हर बार की तरह इस बार भी बुंदेलखंड की अनदेखी की है और यहां के लिए कुछ भी खास प्रावधान नहीं किया है। जिससे बुंदेलों में भी खासी निराशा है।

कांग्रेस की शहर अध्यक्ष अफसाना शाह का कहना है कि बजट में महिलाओं के लिए कुछ भी खास नहीं है। उन्होंने सरकार के बजट को घरेलू महिलाओं की रसोई का बजट बिगाड़ने वाला करार दिया। कहा कि देश की आधी आबादी की अनदेखी केंद्र सरकार को भारी पड़ सकती है। कहा कि इस बार के बजट में गठबंधन के साथियों के साथ छलावा किया गया है। बजट में आम भारतीय को निराशा ही हाथ लगी है।
भाजपा की नगर मंत्री अनीता शुक्ला ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट देश को समृद्धि की ओर ले जाने वाला है। कहा कि बजट में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है और कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाये जाने से कामकाजी महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल शुरू किए जाने पर खुशी जाहिर की।
व्यापारियों ने बजट के प्रावधानों पर जताई खुशी
आम बजट के प्रावधानों पर व्यापारियों ने खुशी जाहिर की है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष मयंक गुप्ता सर्राफा ने बजट को विकासोन्मुखी बताया। कहा कि छोटे-मध्यम व्यापारियों को 20 लाख रुपए तक का गारंटी मुक्त मुद्रा लोन, सोने-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटा कर 6 फीसदी, मोबाइल फोन सस्ते, कृषि क्षेत्र के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपए, रोजगार योजना पर 2 लाख करोड़, ग्राम्य विकास पर करीब ढाई लाख करोड़ के साथ ही कृषि सिंचाई सेक्टर में साढ़े 11 हजार करोड़ का प्रावधान देश को समृद्धि की राह पर आगे ले जाने में सहायक होगा।
वहीं भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अमित सेठ भोलू ने बजट के माध्यम से देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उठाया गया कदम बताया। कहा कि केंद्रीय बजट अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर तक पहुंचाने और स्टार्टअप व एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने वाला कदम है। बताया कि बजट में मध्यम वर्ग से लेकर नौकरी पेशा लोगों को भी राहत का संदेश दिया गया है। उन्होंने बजट को गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं को नए अवसर प्रदान करने वाला बताया।
