Kanpur: उम्मीदों पर फिरा पानी, समानांतर फोरलेन को नहीं मिला बजट, जाम व हादसे के डर के बीच तय करना होगा सफर

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आस एक बार फिर अधूरी रह गई। कानपुर से मध्य प्रदेश का रास्ता सुगम बनाने के लिए नौबस्ता हमीरपुर हाईवे के समानांतर बनने वाले 112 किलोमीटर लंबे बहुप्रतीक्षित रमईपुर-कबरई फोरलेन की योजना को बजट नहीं मिल सका। 

इसके चलते इस मार्ग पर लोगों को सफर में जाम और हादसे के डर जैसी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। कानपुर-सागर हाईवे टू लेन होने के कारण आए दिन दुर्घटना व जाम की समस्या से लोगों को सामना होता है। इससे निजात के लिए रमईपुर से कबरई तक 37 सौ करोड़ रुपये लागत से 112 किलोमीटर लंबे फोरलेन समानांतर हाईवे बनाने की योजना तैयार की गई थी। 

यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर तैयार होने वाला हाईवे कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर, महोबा के 96 गांवों से होकर गुजरने वाला था, जिसके लिए एनएचएआई को 700 हेक्टेयर भूमि भी अधिग्रहित की जानी है। फोरलेन निर्माण होने से लखनऊ–कानपुर से हमीरपुर होते हुए छतरपुर के रास्ते भोपाल तक आवागमन आसान हो जाएगा। 

भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति के लिए समिति की 6 माह पूर्व बैठक भी आयोजित की गई थी। केंद्र सरकार के बजट में फोरलेन हाईवे को धनराशि मिलने की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी, जिसके बाद फोरलेन निर्माण की योजना एक बार फिर अधर में लटक गई है। 

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