अयोध्या में क्यों हारी भाजपा? BJP नेता शरद पाठक बाबा ने बताई वजह

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Published By Vishal Singh
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बोले-मांझा जमथरा के किसानों को गुमराह कर रहा है प्राधिकरण, जनांदोलन के लिए भरी हुंकार

अयोध्या, अमृत विचार। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद पाठक बाबा ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की फिर घेराबंदी शुरू कर दी है। उन्होंने प्राधिकरण पर मांझा जमथरा के किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जनांदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में अफसरशाही की वजह से हारी है। आरोप लगाया है कि अफसरों की तानाशाही से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की छवि धूमिल हो रही है।

रविवार को यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने मांझा जमथरा के किसानों और प्राधिकरण की तानाशाही का मुद्दा उठाया। शरद पाठक बाबा ने कहा कि मांझा जमथरा में नवनिर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट में नियमों की अनदेखी कर दो मंजिला मकान बना लिए गए हैं और आम भू स्वामी निर्माण का नक्शा देता है तो महायोजना 2031 का हवाला देकर रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के एक मामले में प्राधिकरण को मुंह की खानी पड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण मांझा जमथरा को डूबा क्षेत्र बता रहा है जबकि महायोजना में यह बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है। 

उन्होंने कहा कि मांझा जमथरा हरित पट्टी/ग्रीन बेल्ट है। विकास प्राधिकरण द्वारा प्रचारित किया गया यह तथ्य भी गलत है। महायोजना 2031 किसी भी मुख्य मार्ग, स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे आदि के किनारे और समानांतर केवल 15, 30, और 60 मीटर तक की जमीन को पेड़ पौधे लगाने के लिए हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जाता है। 

उन्होंने बताया कि वर्तमान में मांझा जमधरा का भू उपयोग पार्क एंड ओपन एरिया के अंतर्गत है, इस स्थान पर पिकनिक स्पॉट, स्टेडियम, खेल प्रशिक्षण केंद्र, कारवां पार्क, स्विमिंग पूल, यात्रियों के कम अवधि के लिए ठहरने की व्यवस्था आदि निर्माण किए जा सकते हैं। साथ ही बताया कि प्राधिकरण का यहां का भू उपयोग परिवर्तन कभी नहीं हो सकता बताना भी झूठ है। जबकि 30 मार्च 2024 को जारी की गई सार्वजनिक सूचना से अयोध्या विकास प्राधिकरण ने खुद घोषित किया कि प्राधिकरण द्वारा पूरे 2400 (दो हजार चार सौ बिस्सा) जमीन का भू उपयोग परिवर्तन गाटा संख्या 57 मि० में प्रस्तावित है। 

मांझा जमथरा लैंड केस का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी शरद पाठक का कहना है कि अभी हाल ही में टाटा समूह को मांझा जमथरा में ही 80 करोड़ से भी अधिक मालियत की 800 बिस्सा जमीन को मात्र 1 रुपए में 90 साल की लीज पर दे दिया गया है। अडानी समूह ने भी मांझा जमथरा में 80 बिस्सा जमीन की रजिस्ट्री करा ली है। जिंदल ग्रुप को भी 207 करोड़ की परियोजना के लिए जमीन दे दिया गया है। गुप्तार घाट के निकट मांझा जमधरा में ही एक निजी कंपनी के साथ टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या अयोध्या विकास प्राधिकरण सिर्फ उद्योगपतियों के लिए ही कार्य करता रहेगा। 

उन्होंने कहा कि मांझा जमथरा में जब किसानों की जमीन चिह्नित करने की बात होती है, तो प्रशासनिक अधिकारियों को सांप सूंघ जाता है और जब कोई सरकारी योजना या किसी उद्योगपति को जमीन चिह्नित करना हो तो किसी भी स्थान को नजूल की जमीन बताकर पीढ़ियों से खेती कर रहे किसानों को और भूस्वामियों को वहां से उजाड़ दिया जाता है।

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