पुलिस पर रह-रहकर फूट रहा था गुस्सा, की होती कार्रवाई तो नहीं जाती जान
निगोही/ शाहजहांपुर, अमृत विचार। निगोही में श्रीपाल और उनकी बेटी सरस्वती की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में गुस्सा पुलिस पर फूट रहा था। निगोही-बीसलपुर मार्ग पर जाम लगाए परिजनों का आरोप था कि यदि पुलिस ने सोमवार को दिन में हुए झगड़े में ठोस कार्रवाई की होती तो यूं खून नहीं बहता। थाना पुलिस से लेकर एसपी तक परिजनों को शांत कराने में पसीना-पसीना हो रहे थे। पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा ने भी जब पुलिस के साथ खड़े होकर पीड़ित परिवार को आरोपियों को पकड़े जाने की पुष्टि की और उन पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया तब लोग शांत हुए। लोगों को शांत कराने में पुलिस को चार घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान बवाल की आशंका में चार थानों का पुलिस फोर्स भी मौजूद रहा।
निगोही के मोहल्ला आदर्शनगर कॉलोनी निवासी श्रीपाल और उनके छोटे भाई गुड्डू उर्फ सोहन लाल का मकान पास-पास में हैं और दोनों ने स्पेलर लगा रखा है। दुकान पर जब कोई सरसो की पेराई कराने के लिए आता था दोनों अपने-अपने स्पेलर पर बुलाने की कोशिश करते थे और इसी वजह से दोनों में आए दिन झगड़ा होता रहता था। यह लोग साइकिल आदि से गेहूं आदि गल्ला लेकर आने वालों से भी गल्ला खरीद लेते थे। सोमवार सुबह करीब 10 दस बजे ग्राहक को दुकान पर बुलाए जाने को लेकर गाली-गलौज और मारपीट हो गई। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं मानने पर श्रीपाल और उसके भाई गुड्डू उर्फ सोहनलाल और गुड्डू के बेटे विशाल का 151 में चालान कर दिया। लेकिन इसके बाद भी दोनों पक्षों में झगड़ा शांत होने के बजाय रंजिश और बढ़ गई। मंगलवार तड़के मक्का खरीदने के दौरान हुए विवाद ने खूनी रूप ले ले लिया। श्रीपाल के बेटे सुनील ने आरोप लगाया कि मंगलवार सुबह करीब सात बजे गुड्डू ने अपने बेटे विशाल, सत्यवीर, वीरेश, बेटी गायत्री और पत्नी प्रेमा के साथ श्रीपाल के घर में घुस गए। गुड्डू के हाथ में लाइसेंसी दोनाली बंदूक थी, विशाल, सत्यवीर, वीरेश हाथों में तमंचा लिए हुए थे। गायत्री के हाथ में तलवार थी और प्रेमा बांका पकड़े हुए थी।आरोप है कि सभी ने मिलकर हमला बोल दिया, जिसमें पिता श्रीपाल और बहन सरस्वती की गोली लगने से मौत हो गई। सुनील की पत्नी विद्यावती पर भी जानलेवा हमला किया, जिसमें वह चोटिल हो गई। इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। सुबह 8:30 बजे शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। थाना पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन परिजन आरोप लगा रहे थे कि यह पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है कि एक घर में दो-दो लोगों की हत्या कर दी गई और अब हत्यारोपियों को भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही है।
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सूचना मिलते ही एसपी अशोक कुमार मीणा, एएसपी सिटी संजय कुमार, सीओ सदर वीएस वीर कुमार पहुंच गए। जाम लगाए लोगों को शांत करने कोशिश की लेकिन परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी, तक तक जाम नहीं खुलेगा। बवाल की आशंका में थाना निगोही के अलावा तिलहर, पुवायां, सिंधौली और सदर बाजार का फोर्स भी पहुंच गया। एसपी के साथ ही पूर्व विधायक रोशनलाल ने भी परिजनों को भरोसा दिया कि आरोपियों को पकड़ लिया गया है। तहरीर के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। तब दोपहर करीब 12:30 बजे का गुस्सा शांत हुआ और जाम खुला।
वैकल्पिक रास्ते से निकाले गए छोटे वाहन, बड़े फंसे रहे
जाम के दौरान जब वाहनों की लंबी लाइन लगनी शुरू हुई तब फिर लोग परेशान होने लगे, तब फिर वैकल्पिक रास्ते से वाहनों को गुजारा गया। बीसलपुर से शाहजहांपुर की ओर आने वाले छोटे वाहनों को कैमुआ नाला के पास पेट्रोल पंप के करीब से निकले खुदागंज मार्ग से निकलवाना शुरू किया गया। खुदागंज मार्ग से यह वाहन डेलखेड़ा, ऐंठापुर, गांगेपुरा, महोलिया होते हुए हमजापुर गांव से होकर निगोही में हमजापुर चौराहे से शाहजहांपुर की ओर रवाना हुए और इसी तरह शाहजहांपुर रोड से बीसलपुर जाने वाले वाहनों निकाला गया। इस वैकल्पिक रास्ते पर वाहन चालकों को 12 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी। बड़े वाहन जाम खुलने के बाद ही निकल पाए।
...और इस तरह बिगड़ गई बात, बह गया खून
रोड किनारे मकान होने का फायदा यह था कि दोनों भाई रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों से गल्ला खरीद लेते थे। मंगलवार तड़के करीब चार बजे एक ट्रक निकला, जिसमें मक्के की बोरियां थीं। दरवाजे पर ट्रक रूका तो श्रीपाल ने चालक से मक्का खरीदने के लिए सौदेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच छोटा भाई गुड्डू भी निकल आया और उसने श्रीपाल द्वारा खरीदने के लिए लगाए गए मूल्य से अधिक रेट लगाकर मक्के की दो बोरियां खरीद लीं। यह बात श्रीपाल को नागवार गुजर गई। इसको लेकर झगड़ा हुआ तो गुड्डू भी आरपार की लड़ाई के मूड में आ गया और उसने बड़े भाई व भाई की बेटी की गोली मारकर जान ले ली।
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डेढ़ माह पहले झगड़ा पहुंच गया था थाने
दोनों भाइयों के बीच डेढ़ माह पहले भी स्पेलर पर ग्राहकों को बुलाने के कंपटीशन में झगड़ा हुआ था। दोनों में मारपीट के बाद मामला थाने पहुंच गया था, जहां पुलिस ने दोनों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की थी लेकिन इस घटना के बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं।
जान पर न बन आए, इसलिए 20 वर्ष पहले छोड़ा था गांव
श्रीपाल और गुड्डू दोनों सगे भाई निगोही क्षेत्र के गांव ऐंठापुर के रहने वाले थे। करीब 20 वर्ष पहले दोनों भाइयों का यादव विरादरी के कुछ लोगों से विवाद हो गया था। जान पर न बन आए, इसलिए दोनों ने गांव छोड़ दिया था और निगोही में आदर्शनगर कॉलोनी में पास-पास मकान बनाकर रहने लगे थे लेकिन समय बढ़ने के साथ ही दोनों भाइयों के दिलों में दूरियां बढ़तीं चलीं गईं। कारोबार में कंपटीशन के चलते रार ऐसी बढ़ी की एक दूसरे खून के प्यासे हो गए और छोटे ने बड़े भाई श्रीपाल और भतीजी सरस्वती की गोली मारकर जान ले ली।
निगोही-बीसलपुर मार्ग किनारे आदर्श नगर कॉलोनी में जगह लेकर पास पास मकान इसलिए बनवाया था ताकि दोनों भाइयों की एकजुटता बनी रही रहे। दोनों ने मकान में स्पेलर लगाकर और फड़ डालकर गल्ला खरीदने का रोजगार शुरू कर दिया।दोनों भाई एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार रहते थे, जरा सी तकलीफ होती तो बड़ा भाई श्रीपाल छोटे भाई गुड्डू की मदद में खड़ा होता था तो छोटा भाई बड़े भाई की मदद में खड़ा हो जाता था। दोनों भाइयों की एकजुटता की वजह से कोई भिड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। इसलिए दोनों का धंधा ठीक-ठाक चल रहा था। चूंकि दोनों भाई एक ही रोजगार से जुड़े थे, इसलिए दोनों की आपस में ज्यादा दिन तक नहीं निभ नहीं पाई और कंपटीशन के चक्कर में आए दिन झगड़ा शुरू हो गया। कई बार तो दोनों भाइयों के झगड़े की वजह से चक्कर में पड़ जाते थे कि किसके स्पेलर पर सरसो की पिराई कराएं। कंपटीशन को लेकर झगड़े की हुई शुरूआत खूनी रंजिश में बदल जाएगी, इस बात का अंदाजा दोनों परिवार की महिलाओं को बच्चों को भी नहीं था। झगड़े की शुरूआत गाली-गलौज और साधारण मारपीट तक सीमित रहती थी लेकिन इस बार झगड़े ने खूनी रूप ले लिया। छोटे भाई गुड्डू के सिर पर खून सवार हो गया था। उसने तमंचा व बंदूक से लैस अपने बेटों को साथ घर में घुसते ही श्रीपाल के सीने में फायर झोंक दिया, दूसरा फायर बाजू में लगा और इसी के साथ ही श्रीपाल खून से लथपथ आंगन में गिर गया। बचाने आई सरस्वती को भी गुड्डू ने नहीं छोड़ा, जिसे बचपन में गोद में खिलाया उसके सीने में भी फायर उतार दिया। सरस्वती ने निगोही सीएचसी पहुंचने से पहले की दम तोड़ दिया। उसे सीएचसी प्रभारी डॉ. नितिन चौधरी ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद अब परिवार में सिसकियां और कोहराम सुनाई दे रहा है। मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
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