सबसे कम उम्र की महिला सांसद की सुरक्षा में तैनात रहेगा कांस्टेबल पति, पार्षद से संसद पहुंचने तक दिया साथ, सुर्खियों में है इनकी कहानी

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
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जयपुर। देश की सबसे कम उम्र की महिला सांसद संजना जाटव इन दिनों बेहद चर्चित हो रही हैं। इसके पीछे कारण उनकी उम्र नहीं बल्कि उनका परिवार है। सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने ही पति को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। पुलिस कांस्टेबल पति कप्तान सिंह की आधिकारिक तैनाती संजना की संस्तुति पर उनके सुरक्षा अधिकारी के रुप में की गई है। संजना वार्ड पार्षद से राजनीतिक सफर शुरू करने से संसद पहुंचने तक श्रेय पति कप्तान सिंह को देती हैं। अब उसी पति पर भरोसा जताकर सुरक्षा का जिम्मा सौंपने के बाद इनकी कहानी देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

सांसद पत्नी की सुरक्षा में सिपाही पति तैनात
जानकारी के अनुसार संजना जाटव ऐसी पहली और एकमात्र सांसद हैं, जिनकी सुरक्षा में पति को तैनात किया गया है। 20 दिन पहले सांसद की सिफारिश पर उनके कॉन्स्टेबल पति को उनका निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) बनाया गया है। सांसद की अनुमति पर अलवर एसपी आनंद शर्मा ने इसके आदेश जारी किए थे। कांग्रेस से चुनाव जीतने वाली संजना ने ज्यातिरादित्य सिंधिया का रिकार्ड तोड़कर सबसे कम उम्र की सांसद बनने का नया रिकार्ड स्थापित किया है।

संजना जाटव ने कही ये बात
उनके पति को PSO नियुक्त किए जाने के बाद संजना जाटव की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि उनके पति ही उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। अब वह ड्यूटी के दौरान भी उनके साथ रहेंगे। वहीं, इस मामले पर संजना के पति कप्तान सिंह का कहना है कि सांसद उनके साथ ज्यादा सहज महसूस करेंगी। संजना की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा में काम करके बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने एक महीने पहले संजना की सुरक्षा के लिए अनुमति मांगी थी और पुलिस विभाग से उन्हें अनुमति मिल गई है।

18 साल की उम्र में हुआ था विवाह 
बता दें कि संजना जाटव राजस्थान की सबसे कम उम्र की सांसद है। उनका विवाह 18 साल की उम्र में अलवर जिले के कठूमर के रहने वाले कप्तान सिंह से हुई थी। अलवर के वार्ड नंबर 29 से संजना ने 2021 में पहली वार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2023 में कठूमर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन 409 वोटों से हार गईं थीं। जिसके बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भरतपुर से टिकट दिया। इस चुनाव में वे कांग्रेस की उम्मीदों पर खरा उतरी और 51 हजार वोटों से जीत हुई।
 
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