हाईकोर्ट से संजय सिंह को लगा झटका: इस मामले में नहीं मिली राहत

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

वर्ष 2001 में सड़क जाम करने का मामला 

लखनऊ। वर्ष 2001 में सुल्तानपुर जनपद में सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन करने के एक मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। न्यायालय ने उनकी पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए, पूछा है कि जब निचली अदालत के समक्ष आत्म समर्पण से छूट का कोई प्रार्थना पत्र ही नहीं दाखिल किया गया है तो याची इस राहत की मांग कैसे कर सकता है। न्यायालय ने इस बिन्दु पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 अगस्त की नियत की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने संजय सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर पारित किया। संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्रा ने दलील दी कि निचली अदालत द्वारा उन्हें वर्ष 2001 के उक्त मामले में दोषसिद्ध करार देते हुए, तीन माह कारावास की सजा सुनाई जिसके विरुद्ध उन्होंने अपील दाखिल की, हालांकि सत्र अदालत द्वारा उनकी अपील खारिज कर दी गई। 

याचिका का अपर शासकीय अधिवक्ता आलोक तिवारी ने विरोध करते हुए दलील दी कि अपीलेट कोर्ट ने याची को 9 अगस्त को ही निचली अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था लेकिन बिना वहां आत्म समर्पण किए याची ने वर्तमान याचिका दाखिल की है जो पोषणीय नहीं है।

इस पर सतीश चन्द्र मिश्रा ने दलील दी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विवेक राय मामले में दिए फैसले के तहत यह न्यायालय याची को हाजिर होने से छूट प्रदान कर सकती है। हालांकि न्यायालय ने पाया कि हाजिरी या आत्म समर्पण से छूट का कोई भी प्रार्थना पत्र पुनरीक्षण याचिका के साथ नहीं दाखिल किया गया है।

ये भी पढ़ें- 'बांग्लादेश में हिंदू अकारण हिंसा झेल रहे, हमारे देश को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए', स्वतंत्रता दिवस पर बोले मोहन भागवत

 

संबंधित समाचार