रामपुर: ये काफिला तो हुसैन का है, हुसैन इनमें मगर कहां हैं...
शहीदाने कर्बला के चेहल्लुम पर निकला जरीह का जुलूस
रामपुर, अमृत विचार। शहीदाने कर्बला के चेहल्लुम पर जरीह का जुलूस सीआरपी कैंपस होते हुए आगापुर स्थित कर्बला पहुंचा। कर्बला में ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किए गए रास्ते में अंजुमनों ने नौहाख्वानी की। कर्बला में अंजुमन सिपाहे हुसैनी के तत्वावधान में हुई मजलिस को लखनऊ से आए मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी ने खिताब किया। मजलिस के बाद 18 बनी हाशिम के ताबूत बरामद हुए। इससे पहले अजादारों ने अलम के जुलूस में छुरियों से मातम किया। कर्बला में अकीदतमंदों ने जगह-जगह ठंडे पानी और चाय की सबीलें लगाईं इसके अलावा कर्बला में जगह-जगह अजादारों ने लंगर तकसीम किया। सुरक्षा के मद्देनजर जुलूस के साथ भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा।
शहर के मोहल्ला गुइया तालाब स्थित मकबरा जनाबे आलिया से सुबह सात बजे जरीह का जुलूस निकला जोकि, गुइया तालाब, पान दरीबा, बर्तन बाजार हुए जच्चा बच्चा सेंटर पर मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। मुख्य जुलूस मोहल्ला लाल कबर स्थित इमामबाड़ा मोहम्मद जफर बेग से सुबह 8 बजे निकला जोकि, बजरिया मुल्ला जरीफ, नौदरा चौकी, किला पश्चिमी गेट होते हुए जच्चा-बच्चा सेंटर पहुंचा जहां मकबरे से आया जरीह का जुलूस शामिल हुआ। जरीह का जुलूस जच्चा-बच्चा सेंटर, मिस्टन गंज, राजद्वारा, नवाब गेट, गांधी समाधि, राहे रजा, राहे जुल्फिकार होते हुए इमामबाड़ा कोठी खासबाग गेट पहुंचा। इस जुलूस में इमामबाड़ा मंझले साहब बहादुर और इमामबाड़ा खासबाग से जरीह का जुलूस शामिल हुआ। इस दौरान पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, बेगम शाहबानो, नवाब हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां मौजूद रहे। मुख्य जुलूस हाईवे, सीआरपीएफ कैंपस होते हुए आगापुर स्थित कर्बला पहुंचा। जुलूस में असलम महमूद और इफ्तेखार महमूद ने यह नोहा पढ़ा- लुटी हुई सी हैं बीबियां कुछ, के इनका सरदार नातवां हैं-ये काफिला तो हुसैन का है, हुसैन इनमें मगर कहां हैं। हुसैन से बढ़ गईं हैं जैनब, तुम्हारी मजलूमियत की मंजिल, वो सर कटाने का इम्तेहां था, यह सर की चादर का इम्तेहां हैं। जुलूस में अब्बास अल्वी ने भी नोहख्वानी की। इसके बाद जरीह का जुलूस पक्की कर्बला में पहुंचा और अजादारों ने मातम किया। इसके बाद अलम का जुलूस कर्बला रोड से निकला जिसमें असलम महमूद और इफ्तेखार महमूद ने नोहाख्वानी की। अलम के जुलूस के कच्ची कर्बला में दाखिल होने से पहले अजादारों ने छुरियों का मातम किया। जुलूस में मौलाना अली मोहम्मद नकवी, चांद मियां, सलीम हैदर जैदी, वसीम हैदर जैदी, अली हैदर जैदी, मिर्जा मुज्तबा अली बेग, शान जैदी,राशिद हिलाल, इरफान जैदी, शौजी जैदी, मसूद जैदी, लकी जैदी, हनी जैदी, कमल रिजवी, सैयद मोहम्मद अली जैदी, मिनहाल रिजवी, फिरोज हैदर, आरिफ हुसैन, मंसूर मियां, अब्बास
कर्बला में निकले 18 बनी हाशिम के ताबूत
कच्ची कर्बला में अलम का जुलूस पहुंचने के बाद लखनऊ से आए मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी ने मजलिस को खिताब किया। कहा कि मौला अली ने दुनिया को तलाक दी क्योंकि यह अदना है। मौलाना ने फकीरी के मायने को समझाते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा इल्म हासिल करें और अच्छे ओहदों पर फाइज होकर अच्छी इंकम करें और गरीबों के लिए खैरात और जकात निकालें। इसके बाद 18 बनी हाशिम के ताबूत बरामद हुए और निजामत शहजादा गुलरेज ने की।
