हल्द्वानी: दुग्ध संघ में रजाई घोटाला, किसके लिए लटकाई जा रही जांच

हल्द्वानी: दुग्ध संघ में रजाई घोटाला, किसके लिए लटकाई जा रही जांच

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल दुग्ध संघ में लाखों रुपये का पश्मीना रजाई घोटाला हुआ। पहले तो इस मामले की जांच में लापरवाही बरती गई और जब शासन के निर्देश पर दोबारा जांच शुरू हुई तो फिर से मामले में लीपापोती की जा रही है। जांच का समय गुजरने के बावजूद अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। डेयरी विकास विभाग के निदेशक ने इस मामले में जांच अधिकारी को दोबारा रिमांइडर भेजा है। 

पश्मीना रजाई घोटाला एक वर्ष पुराना है। आरोप है कि एक वर्ष पहले नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड में गलत तरीके से टेंडर जारी कर लाखों रुपये की पश्मीना रजाई खरीदी गई। खरीद में घोटाले के आरोप लगे तो डेयरी विकास विभाग के सहायक निदेशक लीलाधर सागर को इसकी जांच सौंपी गई।

सहायक निदेशक ने मामले की विधिवत जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी। विभाग ने रिपोर्ट शासन को भेज दी, लेकिन रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए। जिसके बाद शासन ने इस मामले की दोबारा और विस्तृत जांच के निर्देश दिए। आरोप लगे कि पहली जांच रिपोर्ट में न सिर्फ आधी-अधूरी जानकारी दी गई, बल्कि घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश भी की गई।

इसको लेकर शासन ने 16 अगस्त को जांच अधिकारी को एक बार फिर पत्र जारी किया और 15 दिन में दोबारा जांच पूरी कर रिपोर्ट के निर्देश दिए। हालांकि 15 दिन गुजर जाने के बावजूद रिपोर्ट डेयरी विकास विभाग के दफ्तर नहीं पहुंची है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या किसी विशेष व्यक्ति को बचाने के लिए जांच रिपोर्ट में लेटलतीफी की जा रही है।

वहीं डेयरी विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल ने बताया कि जांच के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। 2 सितंबर तक जांच रिपोर्ट कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई। इस मामले में जांच अधिकारी को जांच रिपोर्ट भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। 

जहां से हुई लाखों की खरीद, वो फर्म लापता!
जांच रिपोर्ट में बड़ी बात सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि पूरी खरीद गलत तरीके से टेंडर जारी कर की गई। इससे बड़ी बात है वो फर्म, जहां से लाखों रुपये की पश्मीना रजाइयां खरीदी गईं। सूत्र के अनुसार जिस फर्म से रजाई खरीद का दावा किया जा रहा है, असल में वह फर्म उस स्थान पर है ही नहीं, जहां उसे कागजों में दर्शाया गया है।