रुद्रपुर: बिहार का फेमस गाना गाकर सिवान में दिखाता था दबंगई

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Published By Bhupesh Kanaujia
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मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। ठोक देंगे कट्टा से, आइए ना हमरे बिहार में। जी हां यह गाना बिहार का फेमस गाना है। जिस वक्त ठग अक्षेश्वर तिवारी को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। उस वक्त इलाके में इसी गाने की चर्चा थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपी इसी गाने को गाकर इलाके में दबंगई दिखाता था।

एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि रेलवे विभाग में सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी को अंजाम देने वाला अक्षेश्वर एक शातिर ठग है। वर्ष 2010 में सिडकुल रुद्रपुर की एक नामी गिरामी ऑटो कंपनी में सीनियर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। वर्ष 2008 के करीब उसने कंपनी में जॉइनिंग की थी और वर्ष 2010 में ठगी को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था। फरारी के दौरान वह कई स्थानों पर छिपा और कुछ माह बाद वह सीधे बिहार के सिवान जाकर रहने लगा।

एक माह की तफ्तीश व गिरफ्तारी के दौरान जब इलाके में पूछताछ की तो स्थानीय लोगों ने बताया कि अक्सर आरोपी अक्षेश्वर तिवारी बिहार का फेमस गाना ठोंक देंगे कट्टा से,आइए ना हमरे बिहार में सुनाकर इलाके में दबंगई करता था। चर्चा यह भी है कि आरोपी धमकी देता था कि उसके इलाके में आकर कोई भी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकता है। प्रभारी एसटीएफ ने बताया कि जब टीम ने सिवान में दबिश दी तो वास्तव में इलाका अतिदुर्गम था और गिरफ्तारी के वक्त आरोपी ने अपहरण की अफवाह फैला दी थी, लेकिन टीम ने धैर्यता के साथ गिरफ्तार कर लिया।

भगोड़ा घोषित हो चुका था आरोपी

वर्ष 2010 में दो ठगी के मुकदमे पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2014-15 के बीच आरोपी की कोर्ट पेशी हुई थी, लेकिन वहां से भी आरोपी पुलिस को गच्चा देकर फरार हो गया था। जिसके बाद कोर्ट ने अक्षेश्वर तिवारी को भगोड़ा घोषित करते हुए ट्रांजिट रिमांड भी जारी कर दिया था। उसके बाद से ही लगातार आरोपी फरार चल रहा था।

बार-बार बदल रहा था मोबाइल सिम कार्ड

दो फरवरी 2023 को 25 हजार का इनामी बदमाश घोषित होने के बाद आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। कुछ सालों तक वह सिवाल में ही छिपकर बैठा हुआ था। एसटीएफ ने बताया कि जब भी आरोपी का मोबाइल नंबर मिलता। उसके कुछ दिन बाद ही आरोपी अपना मोबाइल नंबर ही बदल लेता था। इसी कारण लंबे समय से फरार चल रहा आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर था। पूछताछ के दौरान पता चला कि फर्जी आईडी पर उसने कई सिम कार्ड का प्रयोग किया।

गिरफ्तारी व तकनीकी टीम ने किया काम

रेलवे विभाग में सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले अक्षेश्वर की धरपकड़ के लिए एसटीएफ की मैनुअल व तकनीकी टीम ने संयुक्त रूप से कार्य किया। गिरफ्तारी की टीम में प्रभारी एमपी सिंह के अलावा दरोगा बृजभूषण गुरुरानी, प्रकाश भगत और तकनीकी का नेतृत्व दरोगा केजी मठपाल, सर्विलांस एक्सपर्ट किशन चंद्र व आरक्षी दीपक भट्ट सामंजस्य बनाकर खोजबीन कर रहे थे।

ऑटो कंपनी कर्मी ने कराया था मुकदमा

जिस सिडकुल की नामी गिरामी ऑटो कंपनी में ठगी का आरोपी अक्षेश्वर सीनियर सुपरवाइजर था। उसी कंपनी में धारी नैनीताल निवासी धर्म सिंह भी नौकरी करता था। वहीं से आरोपी ने धर्म सिंह के अलावा, उसके रिश्तेदार व संपर्क के लोगों से वर्ष 2010 में रेलवे विभाग में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और लाखों की ठगी के बाद धर्म सिंह व एक अन्य रिश्तेदार की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

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