टिकरी जंगल में शुरू होगी ओपन सफारी, सरयू कैनाल से जोड़ी जाएगी अरगा झील

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

अयोध्या आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार की जा रही योजना

केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अफसरों संग किया पार्वती अरगा पक्षी विहार के संरक्षण पर मंथन

 गोंडा, अमृत विचार : वजीरगंज के पार्वती अरगा पक्षी विहार को ईको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टिकरी रेंज के जंगल में ओपन सफारी की शुरूआत की जायेगी। जिससे यहां आने वाले पर्यटक जंगल के वन्यजीवों और वनस्पतियों का निकट से अनुभव कर सकेंगे।

अयोध्या धाम के निकट होने के कारण यह परियोजना धार्मिक यात्रियों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेगी जहां वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा के साथ प्रकृति का भी आनंद ले सकेंगे। इसके साथ ही अरगा झील के जलस्तर को बनाए रखने के लिए इसे सरयू नहर से जोड़ा जायेगा। विश्व पर्यटन दिवस पर केंद्रीय वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने जिले के अफसरों के साथ बैठक कर इस योजना पर मंथन किया।  

मनकापुर का टिकरी जंगल करीब 7,500 हेक्टेयर में फैला है। इसमें कई तरह के वन्यजीवों व दुर्लभ वनस्पतियों की भरमार है‌। इसी से सटी पार्वती अरगा झील है जो 1,084.47 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। यह झील पक्षी विहार के रूप में जानी जाती है‌। सर्दियों के मौसम में हजारों प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं।‌इन पक्षियों को देखने के लिए दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं। अयोध्या धाम से सटा होने के कारण यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है‌। इन संभावनाओं को देखते हुए केंद्रीय वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने इसे ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है।

इसे जिले के प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित करने और अयोध्या आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। शुक्रवार को केंद्रीय राज्यमंत्री ने जिलाधिकारी नेहा शर्मा व विभागीय अधिकारियों को साथ बैठक कर इस योजना पर मंथन किया। बैठक में तय किया गया कि टिकरी जंगल में ओपन सफारी की शुरूआत की जायेगी, जिससे पर्यटक जंगल के वन्यजीवों और वनस्पतियों का निकट से अनुभव कर सकेंगे। अयोध्या धाम के निकट होने के कारण, यह परियोजना धार्मिक यात्रियों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण बनेगी, जहां वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा के साथ प्रकृति का भी आनंद ले सकेंगे। वहीं अरगा झील के जलस्तर को बनाए रखने के लिए उसे सरयू नहर से जोड़ा जायेगा। नहर से जुड़ने के बाद इस झील में पानी की कमी नहीं होगी। जलस्तर में सुधार से इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य और भी निखरेगा तथा सर्दियों के मौसम में पर्यटक यहां प्रवासी पक्षियों के कलरव का आनंद ले सकेंगे।  

झील के आसपास सिर्फ जैविक खेती, वेटलैंड मित्र रखेंगे नजर

वजीरगंज स्थित पार्वती अरगा पक्षी विहार सर्दियों के मौसम में हजारों प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान बनता है। अरगा झील के चारों ओर की कृषि भूमि में किसानों द्वारा कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग झील के पानी की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। इसको लेकर  झील के पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी और मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कर डाटा संधारण किया जाएगा। राज्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए और जागरूकता फैलाई जाए। साथ ही पार्वती अरगा वेटलैंड के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए एक समेकित एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ संस्थाएं शामिल होंगी।

वेटलैंड में पाए जाने वाले सभी वन्य प्राणियों, पक्षियों और कीटों की प्रजातीय विविधता का अध्ययन भी किया जाएगा। वेटलैंड्स में खरपतवार उन्मूलन के लिए कार्बनिक पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, वेटलैंड मित्र नामक एक स्थानीय संगठन का गठन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शामिल किया जाएगा। उन्हें इस कार्य के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए नियमित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, और स्कूली बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

संबंधित समाचार