कानपुर में मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत के बाद मामा-भांजे रेस्टोरेंट पर चला बुलडोजर: खाने में मांस मिलाकर बेचने की बात पर हुआ था हंगामा

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। आईजीआरएस पोर्टल में आई शिकायत का संज्ञान लेकर नगर निगम ने शुक्रवार को किदवई नगर स्थित मामा-भांजा रेस्टोरेंट पर बुलडोजर चलाया। यहां पर 26 सितंबर को बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया था।

आरोप है कि मुस्लिम युवक हिंदू बनकर रेस्टोरेंट का संचालक करता है और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर शाकाहार के नाम पर मांसाहार खिला रहा था। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 सितंबर को प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट में दुकानों के नेमप्लेट पर दुकानदार का नाम अनिवार्य रूप से लिखने का आदेश दिया था। 26 सितंबर को बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने किदवई नगर चौराहे - बारादेवी चौराहे के बीच स्थित मामा-भांजा रेस्टोरेंट के बाहर हंगामा किया था।

आरोप था कि रेस्टोरेंट का मालिक मुबीन अहमद मुस्लिम है। वह पहचान छिपाकर हिंदू नाम से रेस्टोरेंट चला रहा है और यहां पर शाकाहार के नाम पर मांसाहार खिलाया जा रहा है। बजरंगदल के सह जिला संयोजक विशाल बजरंगी का आरोप है कि रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारी छोटू वर्मा ने इसकी जानकारी दी थी कि मुबीन माथे पर तिलक लगाकर अपनी पहचान छिपाता है। हालांकि हंगामे के बाद पुलिस ने रेस्टोरेंट बंद करवा दिया था।

वही, मामले के संबंध में आईजीआरएस पोर्टल पर भी विकास व अशोक त्रिपाठी ने सात अक्टूबर को शिकायत की थी, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी को हुई तो उन्होंने मामले की जांच कर संबंधित पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। नगर निगम जोनल अधिकारी तीन चंद्र प्रकाश के मुताबिक जिलाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार को नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण कर फुटपाथ पर बनाए गए रेस्टोरेट को बुल्डोजर से गिरा दिया है। 

यह है आदेश 

नए आदेश के तहत खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रौपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य है। इसके साथ पूरे रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाने का भी निर्देश है, खासकर किचन में।

कर्मचारियों का मास्क व ग्लब्स पहनना भी जरूरी है। बता दें कि इससे पहले यूवी में कांवड़ रूट की सभी दुकानों पर नेमप्लेट अनिवार्य की थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर प्रदेश सरकार ने इसपर रोक लगा दी थी। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

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