बरेली : प्रदेश का सबसे बड़ा सालिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट होगा सरथापुर, टेंडर की प्रक्रिया शुरु

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Published By Pradeep Kumar
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दिसंबर तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू करने का दावा

बरेली, अमृत विचार। लंबे इंतजार के बाद सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है। नगर निगम ने इसे चलाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर तक प्लांट शुरू हो जाएगा। इसके बाद शहर के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो रही कूड़े के निस्तारण की समस्या हल हो जाएगी।

फिलहाल शहर से निकलने वाला ज्यादातर कूड़ा बाकरगंज में डंप किया जाता है। यहीं कूड़े के निस्तारण के लिए मिनी प्लांट भी लगाए गए हैं लेकिन उनसे नाममात्र का ही कूड़ा निस्तारण होता है। शाहजहांपुर के गांव सथरापुर के पास तीन साल पहले 24.18 करोड़ की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण शुरू कराया गया था जो काफी देरी से अब पूरा हो पाया है। अब इस प्लांट में सिर्फ मशीनें लगाई जानी हैं जो टेंडर लेने वाली एजेंसी ही लगाएगी। बाकी सभी काम पूरे होने का दावा किया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक इस प्लांट में रोज पांच मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होगा। शहर से रोज करीब 4.45 मीट्रिक टन ही कूड़ा निकलता है। निर्माण में लगी एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि बरेली में प्रदेश का सबसे प्लांट लगा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर तक प्लांट शुरू हो जाएगा। इस प्लांट में कूड़े से कंपोस्ट बनेगी जिसे बेचने से नगर निगम की आय भी बढ़ेगी।

सथरापुर में बन रहा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट काफी आधुनिक है। इससे कूड़ा का निस्तारण की समस्या दूर हो जाएगी। जल्द प्लांट चालू कराने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद बाकरगंज में कूड़े का पहाड़ खत्म होने से वहां के लोगों की समस्या का भी निदान हो जाएगा। - उमेश गौतम, मेयर

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बाकरगंज के लौग बौलै, इंतजार में कट गए तमाम साल, अब तो सांस लेना भी मुश्किल

बरेली। बाकरगंज पूरे शहर की गंदगी अपने आपमें समाए रखने के लिए अभिशप्त है। इस इलाके के लोग यहां लगा कूड़े का पहाड़ खत्म होने का इंतजार कई साल से कर रहे हैं। उनका कहना है कि हालात इतने खराब हैं कि अब भीषण दुर्गंध की वजह से सांस लेने तक में दिक्कत होती है।

हालांकि बाकरगंज में कूड़े के निस्तारण के लिए 2021 में लीगेसी वेस्ट प्लांट लगाया गया था जो चार चरणों में कूड़े का निस्तारण करता है। इस प्लांट की क्षमता इतनी कम है कि समस्या का नाममात्र के लिए भी समाधान नहीं हो पा रहा है। ऊपर से यहां पोकलेन मशीन समेत तमाम उपकरण काफी समय से खराब पड़े हुए हैं। बाकरगंज में रहने वाली तमन्ना कहती हैं कि कूड़े के पहाड़ से अक्सर इतनी तेज दुर्गंध उठती है कि सांस लेने में परेशानी महसूस होती है। तमााम लोग बीमार हो जाते हैं। शाहीन रजा का कहना है कि कूड़े का पहाड़ खत्म करने का आश्वासन कई बार दिया गया लेकिन 40 हजार की आबादी परेशान होने के बावजूद उन्हें कभी पूरा नहीं किया गया। रेखा ने कहा कि गंदगी से संक्रमण रोग फैलते रहते हैं। सड़कें भी कूड़े से अटी रहती हैं।

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