हल्द्वानी: वन विभाग के नोटिस के विरोध में प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

हल्द्वानी: वन विभाग के नोटिस के विरोध में प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौलापार के देवला तल्ला पजाया बागजाला में बसे ग्रामीणों के घरों पर वन विभाग के नोटिस आने के विरोध में ग्रामीणों में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा और अधिकारों की सुरक्षा की मांग की।

बागजाला संघर्ष समिति गौलापार के बैनर तले ग्रामीणों ने सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी को ज्ञापन सौंप कर कहा कि उक्त गांव 1947 से पहले से बसा हुआ है। यहां के बाशिंदों को 1978 में भूमि के पट्टे दिए गए थे, फिर भी वन विभाग बार-बार नोटिस भेजकर जमीन खाली करने का दबाव बना रहा है।

गांव में 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 20 प्रतिशत अन्य जाति के लोग हैं। उन्होंने कहा कि बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिया जा रहा है जबकि उन्हें उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है जो कि असंवैधानिक कदम है। गांव में सरकारी स्कूल, नलकूप, बिजली-पानी के कनेक्शन, आधार कार्ड, पहचान पत्र भी बने हुए हैं।

वर्ष 2014 में वन विभाग ने चिन्हीकरण कर बाउंड्री बनाई थी फिर भी यहां के लोगों को बार-बार अतिक्रमण हटाने के नोटिस दिए जा रहे हैं। सभी ने एक सुर में सिटी मजिस्ट्रेट बाजपेयी से इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर ग्रामीणों की भूमि अधिकारों की सुरक्षा करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में सुरेंद्र कुमार, वेद्र प्रकाश, कमल कांत, ललित मोहन, दान सिंह, रिंकू चावला, रामभवन, वाजिद, गजेंद्र पाल सिंह, जीआर टम्टा, विनोद कुमार बौद्ध, मुकेश चंद्र बौद्ध आदि शामिल थे।

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