Chitrakoot: मोरारी बापू ने कहा- संवेदनशीलता के अभाव में नहीं मिलता लक्ष्य, साधु प्रतिष्ठा को नहीं निष्ठा को प्रणाम करता है

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
On

चित्रकूट, अमृत विचार। प्रख्यात रामकथा वाचक संत मोरारी बापू ने कहा कि बिना संवेदनशीलता के जीवन में लक्ष्य नहीं मिलता। साधु प्रतिष्ठा को नहीं निष्ठा को प्रणाम करता है। वह बुधवार को श्रीधर धाम में प्रख्यात कथावाचक स्व. रामकिंकर उपाध्याय के तीन दिवसीय जन्म शताब्दी समारोह के समापन समारोह पर बोल रहे थे। 

संत मोरारी बापू ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपुरुष बताया। कहा, साधु प्रतिष्ठा को नहीं निष्ठा को प्रणाम करता है, मैं भी आपकी राष्ट्रनिष्ठा को प्रणाम करता हूं। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक मैथिलीशरण की सराहना की। कहा कि कोई मेवा के लिए गुरु के निकट होता है कोई सेवा के लिए पर मैथिलीशरण सबल सरल और संवेदनशील हैं। मैथिलीशरण की ग्रंथ और गुरु में अटूट निष्ठा सही रूप में अनुष्ठान है। 

तो रामकथा के रहस्य से अनभिज्ञ रहता

मोरारी बापू ने स्व.रामकिंकर के साथ संस्मरण साझा किए। कहा कि उनको रामकिंकर जी में पांच तत्व दिखाई दिए।  पहला विश्वास, दूसरा विचार,  तीसरा विलास, चौथा विराग और पांचवां विनोद।

कर्ज उतारने को यहां कहूंगा कथा

मोरारी बापू ने कहा कि उन पर पंडित रामकिंकर के विचारों का कर्जा है, जिसे उतारने के लिए वह चित्रकूट में रामकथा जरूर कहेंगे। उन्होंने महान संत रणछोड़ दास और नानाजी देशमुख को भी याद किया।

यह भी पढ़ें- चित्रकूट में मोहन भागवत बोले- सभी को जोड़कर उन्नति करना हमारे देश का धर्म...सनातन कथा के दौरान हम डंडा लेकर बाहर बैठते हैं

 

संबंधित समाचार