घायलों को इलाज देने से नहीं मना कर सकता है कोई अस्पताल, जानिये क्या है राइट टू ट्रामा एंड इमरजेंसी केयर

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

लखनऊ, अमृत विचार। USA के डॉ. मयूर नारायण ने कहा कि कोई अस्पताल या डॉक्टर मरीज को इलाज देने से मना नहीं कर सकता। घायल से कोई निजी या सरकारी डॉक्टर यह नहीं कह सकता कि यहां पर नहीं मिलेगा इलाज जाइये बड़ी जगह, उन्हें प्राथमिक उपचार  देना होगा, यह राइट टू ट्रामा एंड इमरजेंसी केयर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए आम लोगों को भी जागरुक होना चाहिए। इतना ही नहीं हादसे में घायल मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सटीक इलाज मिले इसके लिए निजी अथवा सरकारी अस्पताल के स्टाफ को घायल को प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर में रेफर करने से पहले स्वयं बात करनी चाहिए। जिससे घायल जब हायर सेंटर पहुंचे तो उसे तत्काल सटीक इलाज मिल सके।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि ट्रामा सिस्टम डेवलप करने के लिए जिस तरह से डॉक्टर और नर्सिंग की पढ़ाई और प्रशिक्षण के लिए मानक बनें है ठीक उसी प्रकार एंबुलेंस में काम करने वाले ईएमटी की भी पढ़ाई और प्रशिक्षण देना होगा। जिससे समय पर घायल को इलाज देना और आसान होगा। 

USA के डॉ. मयूर ने ट्रामा सिस्टम डेवलपमेंट का खींचा खाका, सीएम योगी करेंगे मदद

मैं बरेली से लखनऊ आ रहा था, रास्ते में देखता हूं कि एक ट्रक ने एक साइकिल सवार को रौंद दिया था। साइकिल सवार खून से लथपथ सड़क पर पड़ा तड़प रहा था और एक पुलिस अधिकारी रिपोर्ट बना रहा था। वहीं वहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी उस घायल की जिंदगी से कोई मतलब नहीं था, शायद लोग एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे। यह देखकर मन में यह बात घर कर गई कि यहां पर घायल मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराने की एक व्यवस्था बनाना बहुत जरूरी है, नहीं तो एंबुलेंस और इलाज के इंतजार में इसी तरह लोग मरते रहेंगे। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है जिसमें कई डॉक्टर शामिल हैं। एक बेहतर ट्रामा सिस्टम डेवलप करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में पूरी मदद करने का आश्वासन भी दिया है। यह जानकारी यूएसए (न्यू जर्सी) से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित ट्रॉमा 2024 सम्मेलन में पहुंचे प्रो.मयूर नारायण ने शनिवार को दी है।

भारत बनेगा विश्वगुरु

प्रो. मयूर नारायण ने बताया कि यदि भारत में ट्रामा सिस्टम डेवलप हो गया, तो यहां का मॉडल पूरी दुनिया अपनायेगी। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि यूएसए में ट्रामा सिस्टम बहुत ही अच्छा है, लेकिन यदि भारत जैसी चुनौतियां वहां हो जायें तो वहां का पूरा ट्रामा सिस्टम फेल हो जायेगा। 

प्रो. (डॉ.) मयूर नारायण का जन्म उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुआ था। बाद में डॉ. मयूर के माता पिता USA चले गये, वहीं पर उनकी आगे की पढ़ाई हुई। इतना ही नहीं बरेली में रह रहे उनके ताऊ और ताई की मौत साल 2001 में शाहजहांपुर के पास एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। इस घटना ने भी डॉ. मयूर के मन पर गहरा असर डाला और उन्होंने ट्रामा में विशेषज्ञ बनने की ठानी। विशेषज्ञ बनने के बाद प्रो. मयूर नारायण साल 2008 से लगातार भारत में ट्रामा का प्रशिक्षण देने भारत आ रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: Lucknow News : डिप्टी सीएम बोले नियमों में बदलाव करने को भी तैयार, लेकिन घायलों को मिले समय पर इलाज

संबंधित समाचार