Bareilly: बीएलओ कार्य की आड़ में मौज काट रहे शिक्षक-अनुदेशक और शिक्षामित्र, बेपटरी हो रहीं व्यवस्थाएं 

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन जिले के सभी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्रों को पढ़ाने के अलावा बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की जिम्मेदारी भी दे दी गई हैं।

बीएलओ बने शिक्षक व अन्य विभागीय कर्मी मतदाताओं का ब्योरा तैयार करने के चक्कर में स्कूल भी नहीं पहुंच रहे। नतीजतन, स्कूलों में शिक्षण व्यवस्थाएं बेपटरी हो रही हैं।  हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं कि बीएलओ शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। बीएलओ कार्य के लिए बेसिक शिक्षा के 3 हजार से अधिक शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को लगाया गया है। 

नगर क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्थाओं का बुरा हाल
नगर क्षेत्रांतर्गत परिषदीय स्कूलों में लंबे समय से ही शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। नगर के कुल 98 स्कूलों में महज 110 शिक्षक ही कार्यरत हैं। ऐसे में नगर से 70 से अधिक शिक्षकों को बीएलओ कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें से ज्यादातर स्कूलों के बीएलओ बने शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र बीएलओ कार्य की आड़ में मनमर्जी कर स्कूल भी नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा क्यारा, भोजीपुरा, मझगंवा, रामनगर, आलमपुर जाफराबाद आदि क्षेत्र के स्कूलों में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति बनी है। ऐसे में प्रधानाध्यापक और प्रभारी बमुश्किल व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।    

बीएलओ बने शिक्षक व अन्य कर्मियों के लिए ऐसा कोई आदेश नहीं कि वे स्कूल नहीं जाएंगे। निरीक्षण के दौरान स्कूल से नदारद पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी- संजय सिंह, बीएसए।

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