लखीमपुर खीरी: बैनामे की जमीन पर कब्जा करने को लेकर दो समुदाय आमने-सामने

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Published By Pradeep Kumar
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विशेष समुदाय के एक सिपाही पर लगा पक्षपात करने का आरोप

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। थाना सिंगाही क्षेत्र के गांव हरद्वाही निवासी जसोदा देवी को जिस बात का डर था आखिर वही हुआ। तहसील प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से दूसरे समुदाय के एक युवक ने पहले पीडब्ल्यूडी की जमीन पर खोखा रखा। बाद में उसके पीछे स्थित महिला की जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। आरोप है कि रविवार की रात अपने साथियों की मदद से काफी जमीन पर पिलर गाड़ कर कब्जा कर लिया। इससे लोग भड़क गए और हंगामा करने लगे। सूचना पर पहुंचे एक सिपाही पर पीड़िता व अन्य लोगों ने अपने ही समुदाय के लोगों की मदद करने का आरोप लगाया है।

पीड़ित जसोदा देवी की कालेश्हरण चौराहा पर बेशकीमती कृषि योग्य जमीन है। पास में ही कुछ दूरी पर कब्रिस्तान है। बताते हैं कि बाजारपुरवा (हरद्वाही) निवासी राशिद अली ने पीडब्ल्यूडी की जमीन पर खोखा रखकर पंचर बनाना शुरू किया। उसके बाद धीरे-धीरे महिला की जमीन अवैध कब्जा कर सर्विस सेंटर स्थापित कर गाड़ियों की धुलाई करने लगा। जसोदा देवी ने बताया कि करीब एक हफ्ते से आरोपी अपने समुदाय के लोगों के साथ मिलकर उसकी जमीन पर पिलर लगाकर कब्जा करने के प्रयास में था। इसकी पांच दिन पहले उसने एसडीएम निघासन और थाना सिंगाही पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन तहसील प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार की रात आरोपियों ने उसके खेत में बढ़ाकर पिलर लगा दिए। उसका खेत में खड़ा गन्ना भी काट डाला। इसकी जब जानकारी लोगों को हुई तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। तमाम लोग मौके पर पहुंच गए और विरोध जताया। सोमवार को जब वह थाने गई तो दो सिपाही मौके पर आए। आरोपी के समुदाय के सिपाही आरोपी पक्ष से मिल गया। इस पर दोनों सिपाही बिना किसी कार्रवाई के वापस चले गए। एसओ अजय कुमार ने बताया कि मौके पर दो सिपाहियों को भेजा गया है। मंगलवार को दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया गया है। लोगों का कहना है कि महिला काफी कमजोर है। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग उसकी जमीन पर अवैध कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। 

कब्जा न हटा तो करूंगी आत्मदाह
जमीन पर कब्जा करने से पीड़ित महिला जसोदा देवी काफी परेशान है। उसका कहना है कि उसके पति सुग्रीव सिंह पीडब्ल्यूडी विभाग में चौकीदार हैं। एक बेटा व दो बेटियों में एक बेटी दिव्यांग हैं। अगर पुलिस और प्रशासन ने दो दिन में उसकी जमीन से कब्जा नहीं हटवाया तो वह मुख्यमंत्री से मिलेगी। अगर उसे जान देनी पड़ी तो वह भी दे देगी।

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