कुंभकर्ण सोता नहीं था, छिपकर हथियार बनाता था... राज्यपाल आनंदी बेन ने किया बड़ा दावा

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में बड़ा दावा किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में हवाई जहाज से लेकर कुंभकर्ण तक के लिए कई बड़े खुलासे किए। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दुनिया का पहला हवाई जहाज राइट बंधुओं ने नहीं, बल्कि वैदिक युग में ऋषि भारद्वाज ने बनाया था, जिन्होंने उसे बॉम्बे की चौपाटी पर एक किलोमीटर तक उड़ाया था। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विदेश से लोग आए, हमारी टेक्नोलॉजी और आइडिया को लेकर चले गए। उसको पढ़ा और उसपर कई सारी रिसर्च भी की, लेकिन हमें वैदिक काल से चले आ रहे अपने अविष्कारों के बारे में पता होना चाहिए। राज्यपाल ने कुंभकर्ण को लेकर भी दावा किया कि वह सोता नहीं था, बल्कि वह हथियार बनाता था।

शिवकर बापूजी तलपड़े ने उड़ाया था मानव रहित जहाज

बॉम्बे शहर की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई थी। आपको बता दें कि राज्यपाल ने जो दावे किए हैं उसको लेकर कहीं कोई जिक्र नहीं है। लेकिन आपका ये जानना जरूर है कि एक शिवकर बापूजी तलपड़े थे, जिन्होंने 1895 में एक मानव रहित जहाज को चौपाटी के ऊपर से उड़ाया था। इसके आठ साल बाद राइट बंधुओं ने 17 दिसंबर 1903 को उत्तरी कैरोलिना के किट्टी हॉक के समुद्री तट पर अपना हवाई जहाज उड़ाया था।

चुपचाप कुंभकर्ण बनाता था हथियार

आनंदीबेन पटेल ने छात्रों को बताया कि बहुत से लोग यह तो जानते कि रावण, माता सीता को पुष्पक विमान से लंका ले गया था। यह आविष्कार 5 हजार साल पुराना है, लेकिन क्या किसी को पता है कि पुष्पक विमान किसने, कब और कहां बनाया था? इसके अलावा राज्यपाल ने रावण का भाई कुंभकर्ण को लेकर दावा किया कि वह एक टेक्नोक्रेट था। यह कहना गलत है कि कुम्भकर्ण छह महीने तक सोता था बल्कि वह साल के अधिकांश समय गुप्त तरीके से हथियार बनाने का काम करता था। वह तकनीक को बहुत अच्छी तरह से जानता था। कोई दूसरा देश उसकी तकनीक को न चुरा ले इस लिए ही यह छह महीने सोने और छह महीने खाने की बात फैलाई गई। 

‘कुंभकर्ण को लेकर फैलाई गई अफवाह’

आनंदीबेन पटेल ने दावा किया कि रावण के आदेश के अनुसार कुंभकर्ण छह महीने तक प्रयोगशाला में काम करता था और उसके बाद ही बाहर आता था। इस गोपनीयता को बनाए रखने के लिए, लोगों के बीच अफवाह फैलाई गई थी कि कुंभकर्ण छह महीने के लिए सोता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी की यात्रा के दौरान उन्हें कलरफुल वाली वाली पुरानी ऐतिहासिक कई किताबें मिलीं। जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि हजारों साल पहले हमारे पास रंगीन ग्रंथ और चित्र थे, जब रंग भरने के लिए हमारे पास कोई भी नेचुरल सोर्स और कैमिकल का उपयोग नहीं किया जाता था।

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