Bareilly: अफसरों पर भ्रष्टाचार समेत लगे कई आरोप, सांसद छत्रपाल गंगवार ने जताई नाराजगी

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में सदस्यों ने अफसरों पर सम्मान न देने और भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाए। सदस्यों न खाद की ओवर रेटिंग, अधूरे पुल और रास्तों से होने वाले हादसे का भी मुद्दा रखा। सांसद छत्रपाल गंगवार ने झूठ बोलने पर अफसरों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि फील्ड में जाते तो लोगों का दर्द पता चलता। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों की बात सुनें, क्योंकि उन्हें अपने क्षेत्र की जनता को जवाब देना पड़ता है।

जीआईसी आडिटोरियम में जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सबसे पहले पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की गई। उसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 106.88 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया और वित्तीय वर्ष 2024-25 का 127.36 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट को भी स्वीकृत किया गया। इसके बाद जिला पंचायत सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं और अफसरों के रवैये पर शिकायतों की झड़ी लगा दी।

जिला पंचायत सदस्य अभिलाषा शर्मा ने फरीदपुर के खल्लपुर में अधूरे पुल से हुए हादसे, अन्य पुलों और बाढ़ के दौरान कटे मार्गों का मुद्दा रखा। इस पर बाढ़ खंड के एसडीओ ने बताया कि जिले में जहां-जहां बाढ़ से नुकसान हुआ, उनमें अधिकांश जगह पर काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। एमएलसी कुंवर महाराज सिंह ने भी कुछ जगहों के उदाहरण दिए। सांसद छत्रपाल गंगवार ने बाढ़ के एसडीओ से कहा कि मीरगंज के पनवड़िया, कस्बापुर समेत कई जगहों पर जब रामगंगा कटान कर रही थी तो वह खुद ट्रैक्टर पर बैठकर निकले थे और गांवों में किसानों से उनका दर्द जाना था। उन्होंने एसडीओ से कहा कि फील्ड में निकलते तो पता चलता, झूठ बोल रहे हो और धरातल पर काम करें।

सदस्य नरेंद्र पाल गंगवार ने कहा विद्युत विभाग के जेई ने ट्रांसफर लगाने के लिए पहले साढ़े तीन लाख का खर्च बताया और बाद में 50 हजार रुपये की रिश्वत नहीं देने पर फोन उठाना बंद कर दिया। सदस्य सुधीर यादव ने नरियावल और बिथरीचैनुपर में किसानों को जबरन नैनो यूरिया थमाने का आरोप लगाया। ब्लाॅक प्रमुख हरेंद्र पटेल ने कहा कि बीज वितरण में खूब धांधली हो रही है। क्षेत्र में आयोजित गोष्ठियों में इसलिए जाना बंद कर दिया कि अफसर हां में हां करते हैं और सुनते कुछ नहीं।

सदस्य मुन्ना गंगवार ने कहा कि नहर विभाग के अफसर एनओसी कई-कई महीनों तक नहीं देते। उनके क्षेत्र में नदी किनारे सड़क बनाने के लिए एनओसी चाहिए। इसके लिए रुहेलखंड नहर खंड के एक्सईएन को लिख चुके हैं। जेई को बताया फिर भी एनओसी नहीं मिली। तेजश्वरी सिंह ने कहा कि साल में कम से कम चार बार जिला पंचायत की बैठक होनी चाहिए। हम जनता के लिए काम करते हैं। उनकी समस्या का समाधान तभी संभव है।

पूर्ति विभाग में सबसे अधिक भ्रष्टाचार
सदस्य ममता गंगवार ने कहा कि पूर्ति विभाग वाले जनता की क्या हमें ही नजरअंदाज कर देते हैं। विजय शर्मा ने कहा कि हम भी जनप्रतिनिधि हैं। कोटेदार 10-10 राशन कार्ड बनवा रहे हैं और यहां एक भी कार्ड नहीं बनवा पा रहे। पूर्ति विभाग में कोटेदार कुर्सी पर बैठता है और हम खड़े रह जाते हैं। हमसे यह तक नहीं पूछा जाता कि कौन हैं। मुन्नु गंगवार ने राशन की दुकानों पर घटतौली का आरोप लगाया। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि मुन्ना गंगवार ने कहा कि हमारे क्षेत्र में पूर्ति निरीक्षक सिर्फ वसूली करने तक सीमित हैं। गरीबों को राशन मिले या नहीं इसका कोई सरोकार नहीं।

अताउरर्हमान बोले-हम विपक्ष के इसलिए शिलापट्ट पर हमारा नाम नहीं
बहेड़ी विधायक अताउर्रहमान ने कहा कि जहां काम हो रहे, वहां शिलापट्ट लगाए जाने में शासनादेश की अनदेखी हो रही है। उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी डाॅ. नीतू सिसौदिया से कहा कि हम विपक्ष के विधायक ही सही, लेकिन जब सत्ता पक्ष के विधायकों का 10 शिलापट्टों पर नाम लिखा जा सकता है तो दो शिलापट्टों पर उनका भी लिखा जाना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने कहा कि उन्होंने पिछली बार हुई बैठक में भी कहा था कि यहां सत्ता पक्ष और विपक्ष कुछ नहीं। 

जनप्रतिनिधि किसी दल का हो उसका पूरा सम्मान है। जिला पंचायत सदस्यों ने शिलापट्ट पर अपना नाम लिखने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों ने पिछली बार भी शिकायतें की थीं। इस बार भी पीडब्ल्यूडी, नहर विभाग, पूर्ति विभाग, सहकारिता, विद्युत विभाग की शिकायतें अधिक रहीं। अफसर ठीक से जान लें जनता के कार्यों को प्राथमिकता दें। अगर सदस्यों की आगे कोई शिकायत मिली तो कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा।

बैठक में अफसर के न होने पर दिए कार्रवाई के निर्देश
सांसद छत्रपाल गंगवार ने बैठक में सहकारिता समिति से जुड़ी अधिक शिकायतें होने पर जब पूछा कि विभाग से कोई आया है, तो पता चला कि कोई भी नहीं मौजूद है। इस पर सांसद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बैठक में जिला पंचायत सदस्य और जनप्रतिनिधि मौजूद हैं लेकिन अफसर नहीं। उन्होंने सहकारिता विभाग के अफसरों को नोटिस जारी करने और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने के निर्देश दिए। बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित कर और संपत्तिकर का अनुमोदन, वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना तैयार की स्वीकृति और लाइसेंस उपविधि के संशोधन पर विचार किया गया।

बैठक में विधायक प्रो. श्याम विहारी लाल, डाॅ. राघवेंद्र शर्मा, एमपी आर्य, शहजिल इस्लाम, जिला विद्यालय निरीक्षण देवकी सिंह, जिला विकास अधिकारी संजय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी, उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह, समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु, डीपीआरओ कमल किशोर, जिला कार्यक्रम अधिकार मनोज कुमार, भाजपा नेता प्रशांत पटेल, गोपाल पटेल, सदस्य निरंजन यदुवंशी, संतोष भारती, प्रियंका यादव, सत्येंद्र, भुनवेश आदि मौजूद रहे।

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