Sambhal Violence : संभल हिंसा जांच के लिए पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, हिंसा का सच जानने की कोशिश की

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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संभल में डाकखाना रोड पर न्यायिक आयोग के सदस्यों को हिंसा की जानकारी देते एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई

संभल। संभल हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने संभल हिंसा का सच जानने के लिए हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने आयोग के सदस्यों को हिंसा का सीन समझाया। बताया कि कहां पर भीड़ ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग की और कहां वाहनों को आग लगाई गई। पैदल भ्रमण के दौरान आयोग के सदस्यों ने आम जनमानस की बात को भी सुना।

संभल में 24 नवम्बर को जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई के दौरान बवाल हो गया था। सर्वे का विरोध कर रही भीड़ ने जामा मस्जिद की तरफ बढ़ने का प्रयास किया और रोके जाने पर पुलिस पर पथराव व फायरिंग के साथ ही वाहनों में आग भी लगा दी थी। इस हिंसा में प्रशासन ने चार लोगों की मौत की बात मानी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया था जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज डीके अरोड़ा,उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन व रिटायर्ड मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को शामिल किया गया था। आयोग के दो सदस्य डीके अरोड़ा व एके जैन हिंसा की जांच के लिए संभल पहुंचे। 
न्यायिक आयोग सदस्यों ने कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह,डीआईजी मुनिराज जी,डीएम राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ कोतवाली से पैदल ही हिंसा प्रभावित क्षेत्र का रुख किया। स

बसे पहले डाकखाना मोड पर हुई हिंसा का सीन एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने न्यायिक आयोग को समझाया। बताया कि किस तरह से यहां दो तरफ से भीड़ ने पुलिस पर हमला कर जामा मस्जिद की तरफ बढ़ने का प्रयास किया। इसके बाद जामा मस्जिद के उत्तरी कोने पर रुककर आयोग को बताया गया कि यहां दो तरफ से भीड़ ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग की। उस जगह को भी दिखाया गया जहां कार व बाइकों को आग लगाई गई थी। आयोग के सदस्य जामा मस्जिद से कोट गर्बी की तरफ जाने वाले उस रास्ते पर भी गये जहां से हजारों की भीड़ पुलिस पर हमलावर हो रही थी।

 न्यायिक आयोग सदस्य जामा मस्जिद में भी गए और वहां कमिश्नर,डीआईजी,डीएम व एसपी ने घटना के दिन के हालात न्यायिक आयोग सदस्यों को बताये। न्यायिक आयोग ने वापस कोतवाली का रुख किया तो रास्ते में आम लोगों ने भी हिंसा को लेकर अपनी बात आयोग के सामने रखी। कोतवाली से वाहनों में सवार होकर न्यायिक आयोग के सदस्य एकता पुलिस चौकी पर पहुंचे जहां 24 नवम्बर को पथराव हुआ था। इसके बाद पैदल ही आगे बढ़े और हिंदूपुरा खेड़ा में उन जगहों को देखा जहां पुलिस पर पथराव व हमले जैसी घटनाएं हुई थीं। वापस लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन पहुंचकर आयोग सदस्यों ने अफसरों से हिंसा के सभी पहलुओं के बारे में जाना। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि आयोग के सदस्यों ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हमसे जो जानकारी मांगी गई हमने दी है।

न्यायिक आयोग की टाम ने उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां गड़बड़ी हुई थी-मंडलायुक्त
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बाद में बताया, रविवार को न्यायिक आयोग की टाम ने घटनास्थल का दौरा किया। उनका मुख्य उद्देश्य स्थल का निरीक्षण करना था। उन्होंने उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां गड़बड़ी हुई थी। टीम ने घटनास्थल एवं मस्जिद की जांच की और वहां मौजूद कुछ लोगों से बात की। टीम फिर से दौरा करेगी और दौरे का पूरा कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। वे निश्चित रूप से दोबारा आएंगे। उन्होंने बताया, संभल में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। फिलहाल, जिलाधिकारी के आदेश 10 दिसंबर तक प्रभावी हैं और उसके बाद किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हम साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में हैं और अब तक इसमें शामिल 400 व्यक्तियों की पहचान कर चुके हैं।

'टीम ने हमसे कुछ नहीं पूछा'
इस बीच, शाही जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी ने कहा, टीम करीब 15 मिनट तक रुकी और मस्जिद का निरीक्षण किया। मस्जिद प्रबंध समिति के सचिव मसूद फारूकी ने कहा, टीम ने हमसे कुछ नहीं पूछा। वे केवल जामा मस्जिद देखने आए थे और उसने घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वे बाद में बयान लेंगे। आयोग के सदस्यों ने हालांकि सुबह के दौरे के समय मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उनके साथ मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी, संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार भी थे। 

रविवार को ही संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद ने 24 नवंबर की हिंसा के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। पुलिस के अनुसार, उनके बेटे सुहेल इकबाल हिंसा के आरोपियों में शामिल हैं। पुलिस ने संभल से सपा के सांसद जिया उर रहमान और 2750 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिनमें से ज्यादातर अज्ञात हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं उनके दुख में शामिल होने आया हूं। अल्लाह इन बच्चों को जन्नत में जगह दे। वे शहीद हुए हैं और पूरा मुस्लिम समुदाय मस्जिद की खातिर कुर्बानी देने के लिए हमेशा तैयार रहता है। यहां जो कुछ हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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