Kanpur: अगले हफ्ते से संवरने लगेगा रूमा औद्योगिक क्षेत्र, कंपनी का हुआ चयन, लगेंगे AI आधारित सीसीटीवी कैमरे, बनेगा एकीकृत कंट्रोल रूम

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। आदर्श औद्योगिक क्षेत्र के रूप में चयनित रूमा औद्योगिक क्षेत्र में विकास के कार्य दिसंबर से शुरू होंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, जिससे आपराधिक गतिविधि होने पर अलर्ट मिल जाएगा। कई जगह पब्लिक एड्रेस सिस्टम बनाए जा रहे हैं। यहां से कर्मचारियों और आसपास के लोगों को संदेश दिया जा सकेगा। 

यहां स्टेट ऑफ आर्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम और कमांड सेंटर तैयार किया जाएगा। उनसे ही इन कैमरों को जोड़ा जाएगा। ये कार्य सेफ सिटी परियोजना की तर्ज पर किया जाएगा। सड़कों के निर्माण व अन्य कार्यों के लिए उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कंपनी का चयन कर लिया है। एक हफ्ते में कंपनी से अनुबंध किया जाएगा। कंपनी अगले हफ्ते से वहां काम शुरू करेगी।

रूमा औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति अभी बहुत खराब है। यहां न तो पानी की आपूर्ति हो पा रही है और न ही सड़कों की स्थिति अच्छी है। 13 नंबर मार्ग की स्थिति तो बहुत खराब है। इस मार्ग पर कदम- कदम पर गड्ढे हैं। यहां की लगभग सभी सड़कें टूटी हैं। अब 9.76 किमी सड़कों का निर्माण होगा। सड़कें फुल डेप्थ रीक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से बनेंगी ताकि अधिक बोझ पड़ने के बाद भी न टूटें और लागत भी कम आए। 

इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास अटल औद्योगिक अवसंरचना मिशन के तहत किया जाना है। इसके लिए 86 करोड़ रुपये प्राधिकरण को मिल भी चुके हैं। इस राशि से यहां पर कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट तक नई पाइप लाइनें डाली जाएंगी और जल निकासी की समस्या का भी समाधान किया जाएगा। अभी में इस औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों का पानी प्लाटों में भरा रहता है। जल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए सड़कों के किनारे 35 पुलिया और 18.83 किमी जल निकासी लाइनें बनेंगी। 796 मीटर मैकेनिकल, इंजीनियरिंग और प्लंबिंग सिस्टम और पक्के फुटपाथ का निर्माण भी होगा। 

11.21 किमी लंबी पाइप लाइन डाली जाएगी

कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट तक कारखानों का केमिकल युक्त पानी आसानी से पहुंच जाए इसके लिए 11.21 किलोमीटर पाइप लाइन डालने की योजना है। अभी 0.75 एमएलडी का एक कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है, लेकिन 3 एमएलडी क्षमता वाला एक नया प्लांट स्थापित किया जाएगा। साथ ही पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूप स्थापित किया जाएगा और 21.32 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइन डाली जाएगी। अभी जो ट्यूबवेल है वह ध्वस्त हो चुका है। 

ये कार्य भी होंगे

-इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी चार्जिंग स्टेशन बनेगा।
-तीन नए प्रवेश द्वार की स्थापना की योजना बनाई गई है।
-बस शेल्टर, पक्षियों के आश्रय के लिए बर्ड शेल्टर बनेंगे।
-63,000 वर्ग मीटर में घास लगाई जाएगी। 
-व्यापक कचरा प्रबंधन के लिए निस्तारण केंद्र बनेगा।
-प्रवेश सड़कों और पार्कों के किनारे बागवानी,पार्कों की सजावट। 

क्या है एफडीआर तकनीकी

इस तकनीक में वर्तमान सड़क की गिट्टी को निकाल कर उसे बारीक टुकड़ों में तब्दील किया जाता है। इसके बाद सड़क की पपड़ी को रीसाइकिल किया जाता है। इसके बाद सड़क पर गिट्टी को समतल किया जाता और सीमेंट में चिपकने वाले केमिकल का घोल तैयार कर उसे समतल की गई सतह पर डाला जाता है। 
इसके बाद रीसाइक्लर और मोटरग्रेडर से रोल करके उस पर पैडफुट रोलर और कांपैक्टर चलाया जाता है ताकि गिट्टी ठीक तरह से बैठ जाए। इसके बाद यातायात का दबाव झेलने के लिए सतह के रूप में स्ट्रेस एब्साइर्बिंग इंटर लेयर तैयार करके उसके ऊपर पेवर मशीन से बिटुमिन कंक्रीट बिछाई जाती है और फिर रोलर चलाया जाता है।

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