चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपरण संस्थान, जयपुर द्वारा सुगन्ध एवं सुरस विकास केंद्र कार्यक्रम आयोजित

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। "सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती, प्रसंस्करण एवं विपरण" पर चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपरण संस्थान, जयपुर द्वारा प्रायोजित एवं विस्तार इकाई, सुगन्ध एवं सुरस विकास केंद्र, कानपुर द्वारा सरवन खेड़ा के ब्लॉक मुख्यालय में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के 60 प्रगतिशील किसानों आदि ने भाग लिया।

बुधवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उर्वशी सिंह चंदेल, ब्लॉक प्रमुख, सरवन खेड़ा मौजूद रहीं। सर्वप्रथम विस्तार इकाई सुगन्ध एवं सुरस विकास केंद्र, कानपुर के प्रभारी एवं इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भक्ति  विजय शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत कर दीप प्रज्वलित किया।

द्वितीय तकनीकी सत्र में सुगन्ध एवं सुरस विकास केन्द्र के पूर्व प्रधान निदेशक के एन द्विवेदी ने सुगंधी एवं सुरस के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा विपरण की चर्चा की। इसके बाद इस क्षेत्र में वातावरण के अनुकूल सुगंधित संभवित फसलों में लेमनग्रास, सिट्रोनेला एवं पमारोसा की चर्चा की। इसमें कितना लाभ है यह भी बतलाया तथा इसका प्रसंस्करण कैसे करते है उसको भी दिखलाया। इन तेलों से और क्या क्या मूल्यवान चीजे बन सकती है उसकी भी चर्चा की। पास के ही गांव बरौर में लेमनग्रास की खेती कर रहे आर के त्रिपाठी ने लेमनग्रास की खेती के बारे में विस्तृत चर्चा की।

सरसौल कानपुर नगर के प्रगतिशील किसान कई राष्ट्रीय व प्रदेश सरकार से सम्मानित किसान समर सिंह भदौरिया ने गेंदा आदि सुगंधित फसलों की खेती के बारे में बताया। इस मौके पर डॉ. भक्ति विजय शुक्ला, विमल सचान, प्रेम कमल उत्तम, विष्णु पाल सिंह, अमन सिंह, राहुल त्रिपाठी, वाचस्पति राव आदि मौजूद रहे। 

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