Kanpur: पी-7 पैराशूट की रवाना हुई पहली खेप; 9.5 टन के पेलोड को गिराने में है सक्षम, अति दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाएगा सैन्य उपकरण

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) द्वारा निर्मित पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट सिस्टम की डीजीक्यूए द्वारा निरीक्षित पहली खेप शहर से रवाना हुई। इस पैराशूट के जरिए 4 किलोमीटर ऊंचाई से 9.5 टन के पेलोड को सुरक्षित जमीन पर उतारा जा सकता है। 

पहली खेप को सीक्यूए (टी एंड सी) के नियंत्रक ब्रिगेडियर टी. रजनीश, जीआईएल के सीएमडी सुनील दाते व ओपीएफ के महाप्रबंधक एमसी. बालासुब्रमणियम ने हरी झंडी दिखाकर आगरा रवाना किया। समारोह में महाप्रबंधक ने कहा कि जीआईएल संगठन के सभी अधिकारियों एवं दक्ष कर्मचारियों के कुशल कार्य के बल पर यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 

जीआईएल को मिले सभी उत्पादन लक्ष्यों को समय और गुणवत्ता के साथ पूरा करने को लेकर टीम ओपीएफ प्रतिबद्ध है। समारोह में जीआईएल महाप्रबंधक एसके सिंह, बीएल मीना, संयुक्त महाप्रबंधक एस.बनर्जी, केएस चरक, संयुक्त महाप्रबंधक (जीआईएल) विवेक गुप्ता, संयुक्त महाप्रबंधक रामज्ञान सिंह, केके टोप्पो, उप महाप्रबंधक आशुतोष त्रिपाठी, कार्य प्रबंधक रूपेश कुमार व ओमेश सिन्हा उपस्थित रहे।

अति दुर्गम क्षेत्रों में रसद या सैन्य उपकरण पहुंचाएगा 

पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट सिस्टम आईएल-76 विमान से चार किमी की ऊंचाई पर 9.5 टन तक के पेलोड को सुरक्षित गिराने में सक्षम है। इस पैराशूट प्रणाली में पांच मेन कैनोपीज, 5 ब्रेक शूट, 2 सहायक शूट और एक एक्सट्रैक्ट पैराशूट शामिल हैं। इसका उपयोग सेना की ओर से अति दुर्गम इलाकों में रसद या अन्य सैन्य उपकरण पहुंचाने के लिए आसानी से किया जा सकता है।

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