कासगंज: दो सीओ की मौजूदगी में छापेमारी, कोतवाली में खेल और रेस्टोरेंट में फिर शुरू धंधा!

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Published By Vikas Babu
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कासगज, अमृत विचार। सदर कोतवाली पुलिस ने नव वर्ष पर रेस्टोरेंट में हुई कार्रवाई के दौरान पकड़े गए आरोपियों पर झूठा मामला दर्ज कर अपने ही अधिकारियों को विवाद में डाल दिया। खुशी रेस्टोरेंट में दो सीओ की मौजूदगी में छापेमारी के बाद रंगरेलियां मना रहे नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन एफआईआर में हेरफेर कर मामले को कमजोर कर दिया गया।

क्या है पूरा मामला?
नए साल के दिन, खुशी रेस्टोरेंट के ऊपर बने कमरों में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर एसपी अंकिता शर्मा ने सदर सीओ आंचल सिंह चौहान और सहावर सीओ शाहिदा नसरीन के नेतृत्व में एक टीम बनाकर छापेमारी कराई। टीम ने मौके से पांच लड़कियां और चार लड़कों को आपत्तिजनक स्थिति में गिरफ्तार किया। इसके साथ ही भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया गया।

कोतवाली में खेला
पुलिस सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए सदर कोतवाली ले गई। लेकिन वहां, चार लड़कों पर जिस्मफरोशी जैसे गंभीर आरोपों की जगह केवल महिलाओं और छात्राओं पर छींटाकशी का मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर दी गई। इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं।

रेस्टोरेंट में फिर शुरू हुआ धंधा
कार्रवाई के बावजूद, स्थानीय लोगों का कहना है कि रेस्टोरेंट में अगले ही दिन से फिर से जिस्मफरोशी का धंधा शुरू हो गया। आरोप है कि पुलिस ने स्थानीय दबाव या अन्य कारणों से मामला कमजोर कर दिया और दो सीओ की मेहनत को बेकार कर दिया।

सवालों के घेरे में पुलिस
लोगों का कहना है कि सदर और सहावर सीओ की मौजूदगी में हुई कार्रवाई का असर एफआईआर में नहीं दिखा। इसके चलते पुलिस पर भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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