रामपुर : मां के बाद बेटी भी शिक्षिका पद से बर्खास्त, शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई

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Published By Pradeep Kumar
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सेवानिवृत्त होने से तीन माह पहले माहिरा अख्तर को शिक्षा विभाग ने कर दिया था बर्खास्त

रामपुर, अमृत विचार। बेटी से पहले पाकिस्तानी मां भी शिक्षिका हो चुकी है। सेवानिवृत्त होने से तीन माह पहले शिक्षा विभाग ने माहिरा अख्तर को भी बर्खास्त कर दिया था। माहिरा अख्तर थाना गंज के मोहल्ला बागीचा चौधरान में किराए के मकान पर रहती थीं। लेकिन, 2 माह पहले बरेली चली गई हैं। अब माहिरा अख्तर की बेटी के खिलाफ भी बरेली में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने की रिपोर्ट दर्ज हुई है और शिक्षा विभाग ने उसे भी आनन-फानन में बर्खास्त कर दिया है। सूत्रों की माने तो उनको अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है।

पाकिस्तानी नागरिकता से जुड़ा मामला वर्षों से चला आ रहा है। कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला आतिशबाजान की माहिरा अख्तर ने जून 1979 में पाकिस्तान निवासी सिबगत अली से निकाह किया था। निकाह के बाद माहिरा पाकिस्तान चली गईं थीं। उन्हें पाकिस्तान की नागरिकता भी मिल गई थी। शादी के 10 साल के बाद उनका पति से तलाक हो गया था। उसके बाद माहिरा ने पाकिस्तान के पासपोर्ट पर भारत का वीजा प्राप्त किया था और अपनी दोनों बेटियों शुमाएला खान व आलिमा के साथ मायके में रहने लगीं थीं। उसके बाद वह पाकिस्तान वापस नहीं लौटी। बताया जा रहा कि 22 जनवरी 1992 को माहिरा को बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई थी। उसके बाद वह सैदनगर के ब्लाक कुम्हरिया में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थीं। लोगों को जानकारी होने के बाद इस मामले में शिकायत की थी। उसके बाद जांच की गई थी। जांच में मामला प्रकाश में आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग भी सक्रिय हो गया था। उसके  बाद सेवानिवृत होने से तीन माह पहले वर्ष 2021 में विभाग ने माहिरा अख्तर को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद मामला कुछ दिनों तक शांत रहा था, लेकिन अब उनकी बेटी शिक्षिका शुमाएला का ऐसा ही मामला पकड़ में आया है। माहिरा अख्तर की बेटी शुमाएला खानम के कागजों में घपला मिलने पर बर्खास्त कर दिया गया है। माहिरा अख्तर मोहल्ला आतिशबाजान में किराए के घर पर रहती थीं इसके बाद उन्होंने डिग्री कालेज रोड स्थित बागीचा चौधरान में एक मकान में किराए पर रहने लगी थीं। लोगों का कहना है कि दो माह पहले 2000 रुपये महीने का किराए का मकान खाली करके वह बरेली चली गईं। उनका बेटा कामिल पहले ही बरेली चला गया था। माहिरा अख्तर ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी तक भारतीय  नागरिकता नहीं मिली है। 

माहिरा की बेटी शुमाएला को वर्ष 2015 में मिली थी नौकरी
माहिरा की बेटी शुमाएला को वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी मिली थी वह बरेली के फतेहगंज के पूर्वी के प्राइमरी स्कूल माधौपुर में तैनात थी। शुमाएला खान ने अपनी पूरी पढ़ाई एक अंग्रेजी स्कूल से की थी। एक बार फिर से मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि कोई बोलने को तैयार नहीं है।

एलआईयू ने की थी कार्रवाई 
कुछ लोगों का कहना है कि एलआईयू की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। जिसमें  25 जून 1985 को कोर्ट ने उनको एक दिन की सजा सुनाते हुए कोर्ट बंद होने तक अदालत में  मौजूद  रहने की  सजा सुनाई थी। उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। माहिरा अख्तर को  निलंबित करने के बाद बहाल कर दिया था। मामला फिर से लंबे समय तक दबा रहा था। लेकिन रिटायर्ड होने से पहले माहिरा अख्तर को बर्खास्त कर दिया गया था।

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