Lucknow News : रेलवे पर नगर निगम का 219.72 करोड़ बकाया, एक करोड़ से अधिक के 86 बकायेदार, मिलेगा नोटिस

लखनऊ, अमृत विचार। नगर निगम के बड़े बकायेदारों में रेलवे का नाम सबसे आगे है। विभाग पर 22 साल से 219 करोड़ 72 लाख 30 हजार 312 रुपये सर्विस चार्ज बकाया है और शुरुआत से किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया है। साथ ही एक करोड़ से अधिक टैक्स के 86 और बड़े बकायेदार है। सभी को नोटिस जारी करके सख्ती के साथ वसूली की प्रक्रिया नगर निगम ने शुरू कर दी है।
सोमवार से नगर निगम ने 50 हजार रुपये से अधिक के सभी बड़े बकायदारों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। खासकर उन बकायेदारों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्होंने कई सालों से किसी भी तरह का टैक्स नहीं जमा किया है। जोनवार ऐसे भवन सील किए गए। इसके अलावा नगर निगम सबसे पहले उन बड़े बकायेदारों को नोटिस देने जा रहा है जिन पर एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इनमें सबसे पहले रेलवे का नाम शामिल है। रेलवे ने वर्ष 2002 से नगर निगम को बिजली, सफाई, कूड़ा उठान आदि का एक भी रुपये सर्विस चार्ज नहीं दिया है।
पूर्वोत्तर का 46 करोड़ व उत्तर का 36 करोड़ बकाया
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि रेलवे पर कुल 219 करोड़ 72 लाख 30 हजार 312 रुपये में पूर्वोत्तर रेलवे का 46 करोड़ 84 लाख 11 हजार 133 रुपये बकाया है। जबकि उत्तर रेलवे का बकाया 36 करोड़ 50 लाख 73 हजार 64 रुपये है। नॉर्दन ईस्टर्न रेलवे का 8 करोड़ 2 लाख 16 हजार 947 रुपये है। डायरेक्टर आरपीएफ जगजीवन राम अकादमी तेजी खेड़ा आलमबाग का 28 करोड़ 11 लाख 66 हजार 325 रुपये और सबसे अधिक सर्विस चार्ज 100 करोड़ 23 लाख 62 हजार 843 रुपये आरडीएसओ का बकाया है। जो कई साल से जमा नहीं किया है।
रेलवे को भेजा बिल, वसूली के लिए उठाएगा सख्त कदम
नगर निगम हर साल रेलवे का लाखों टन कूड़ा उठाने के साथ निस्तारित करता है। नियमित रूप से संसाधनों में खर्च अधिक आता है। जिसका भुगतान न करने के कारण नगर निगम को भारी नुकसान हो रहा है। रेलवे से बकाया राशि वसूलने के लिए नगर निगम सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसके लिए कानूनी कदम उठाएगा। साथ ही 219.72 करोड़ का बिल भेजा है।
इतने हैं बड़े व छोटे बकायेदार
- एक करोड़ रुपये से अधिक - 81
- 50 लाख रुपये से अधिक - 139
- 50 हजार रुपये से अधिक - 26,300
तो ऐसे जमा कर सकते टैक्स
बकायेदार ऑनलाइन गृहकर जमा करने के लिए नगर निगम की वेबसाइट lmc.up.nic.in एलएमसी डॉट यूपी डॉट एनआईसी डॉट इन पर जाकर मोबाइल नंबर रजिस्टर करें। मोबाइल नंबर रजिस्टर की प्रक्रिया में करदाता को हाउस आईडी भरना होगा। जिसके पास नया हाउस आईडी है, वह उसे भरेगा लेकिन जिसके पास पुराना हाउस आईडी है तो वह नो योर हाउस टैक्स के विकल्प में जाकर नया हाउस आईडी जान सकेगा। इस प्रक्रिया से भवनस्वामी को यूजर आईडी पासवर्ड बन जाएगा। उसके बाद वह गृहकर जमा के ऑप्शन में जाकर कर सकते हैं।
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