Bareilly: बच्चे की चाहत में ननद ने पति से बनवा दिए विधवा भाभी के संबंध, गोद भरी तो दोनों ने ठोका दावा...

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: गर्भाशय में खराबी की वजह से शादी के नौ साल बाद भी मां नहीं बन पाई एक युवती ने अपनी गोद आबाद करने के लिए अपनी विधवा भाभी को अपने पति के संसर्ग से बच्चे को जन्म देने के लिए मनाया लेकिन बच्चा गोद में आते ही उसे मायके से निकलवाने पर तुल गई। उसकी भाभी ने भी बच्चे पर दावा ठोक दिया। परिवार परामर्श केंद्र में सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई तो उसे सुलझाने में काउंसलर के पसीने छूट गए।

मामला बारादरी इलाके का था। ननद और भाभी दोनों के ही घर कुछ ही दूरी पर हैं। काउंसलर के मुताबिक युवती के भाई की कोरोना काल में मौत हो गई थी। दोनों का एक-दूसरे के घर में रोज का आना-जाना था। युवती की करीब 35 वर्षीय विधवा भाभी की तीन बेटियां हैं जिनमें सबसे बड़ी बेटी आठ साल की है। युवती की शादी हुए नौ साल से ज्यादा वक्त हो चुके थे लेकिन वह मां नहीं बन पाई थी। काफी इलाज भी कराया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

दो साल पहले युवती ने बच्चे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपनी विधवा भाभी से अपने पति के संसर्ग से मां बनने का आग्रह किया था। भाभी ने पहले समाज का हवाला देकर इन्कार किया लेकिन बाद में तैयार हो गई। पिछले साल विधवा भाभी ननदोई के संसर्ग से गर्भवती हुई। बेटी पैदा हुई तो उसे ननद के सुपुर्द कर दिया। भाभी का आरोप है कि इसके कुछ ही दिन बाद उसकी ननद के तेवर बदलने शुरू हो गए।

ननद ने भाभी पर बच्चा पैदा होने के बाद भी अपने पति से संबंध रखने का आरोप लगाना शुरू कर दिया और अपने मायके में उसके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया ताकि उसे घर से निकाल दिया जाए। दो महीने पहले यह मामला पुलिस के जरिए परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा था।

शनिवार को इस मामले में चौथी सुनवाई हुई। ननद की खुदगर्जी पर गुस्साई भाभी अड़ी हुई थी कि वह घर से जाएगी तो उस बच्ची को भी ले जाएगी जिसको उसने जन्म दिया है। ननद उसे देने को तैयार नहीं थी। काउंसलर ने काफी देर दोनों को समझाने में मशक्कत की। आखिरकार तय हुआ कि दोनों भविष्य में एक-दूसरे के घर नहीं जाएंगी। काउंसलर के मुताबिक ननद ने बीएड कर रखा है। उसकी भाभी 10वीं पास है।

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