Republic Day 2025: कानपुर जेल से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नौ बंदी रिहा, अपराध की सजा पूरी करने के बाद भी इसलिए थे बंद...

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
On

कानपुर, अमृत विचार। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को नौ बंदी रिहा हुए। अपने अपराध की मूल सजा पूरी कर जुर्मानें की धनराशि अदा न कर पाने के कारण ये बंदी निरुद्ध थे। अर्थदंड की धनराशि समाजसेवी संस्था प्रकृति सहयोग फोरम ने जमा कराया और बंदियों को रिहाई मिल गई।

दोषसिद्ध बंदी मनु सिंह उर्फ बलउवा निवासी खलासी लाइन ग्वालटोली अपनी मूल सजा पूरी कर चुके, अर्थदंड के 4000 रुपये अदा न होने से अतिरिक्त सजा काट रहे थे। इसी तरह शनि कमल व उनकी पुत्री निवासी सीपीसी माल गोदाम कालोनी दोनों साढ़े तीन वर्ष का कारावास पूर कर अर्थदंड 5-5 हजार रुपये की सजा में निरुद्ध थे। पेंचबाग बेकनगंज निवासी जावेद डेढ़ साल की कैद पूरी कर 1500 अर्थदंड अदा न करने पर जेल में निरुद्ध थे। 

रतनपुरवा भोजपुर बिहार निवासी मुकेश कुमार दो वर्ष की अपनी मूल सजा पूरी कर चुके थे। अर्थदंड के 4000 अदा न होने पर अतिरिक्त सजा में बंद थे। इकबाल अहमद निवासी ईदगाह कालोनी काकादेव अपनी वर्ष की सजा पूरी कर निरुद्ध थे। उस पर दो हजार रुपये जुर्माने की सजा चल रही थी। संजीव निवासी शेखपुर इकदिल इटावा भी एक वर्ष की सजा पूरी करने के बाद 1500 रुपये जुर्माना में निरुद्ध थे। 

गोविंदनगर नौरैयाखेड़ा निवासी अमर दो साल की मूल सजा के बाद अर्थदंड 8500 रुपये और आशीष उर्फ स्वपनिल निवासी भलुही कप्तानगंज कुशीनगर ढाई साल के कारावास के बाद 5 हजार रुपये के अर्थदंड में सजा काट रहे थे। नौ बंदी कुल 36500 रुपये जुर्माने के जमा न होने पर अतिरिक्त सजा काट रहे थे। 

समाजसेवी संस्था प्रकृति सहयोग फोरम ने जुर्माने की धनराशि जमा करा दी। बंदियों के रिहा होने पर फोरम के प्रतिनिधि की ओर से अधिवक्ता सैयद नजम, जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय, जेलर अनिल कुमार पांडेय, मनीष कुमार, डिप्टी जेलर अरूण कुमार सिंह व रंजीत यादव आदि रहे।

ये भी पढ़ें- Republic Day 2025: पुलिस लाइन की परेड में दिखेगा महिला सशक्तिकरण...दिनभर पुलिस की टुकड़ियां रिहर्सल करती रहीं

संबंधित समाचार