गोंडा: भू माफियाओं ने सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर ले लिया जमीन का बैनामा, एफआईआर के आदेश, जानें पूरा मामला

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Published By Deepak Mishra
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गोंडा,अमृत विचार। भू माफियाओं ने सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर एक सख्श की पैतृक भूमि को दूसरे व्यक्ति के नाम करा दिया। बाद में उसी से जमीन का बैनामा ले लिया। डीएम के आदेश पर जब मुख्य राजस्व अधिकारी ने मामले की जांच की तो पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए डीएम ने भू ‌माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। 

मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम डड़वा दसवतिया निवासी पवन कुमार सिंह ने 4 जनवरी को जिलाधिकारी नेहा शर्मा के समक्ष शिकायत प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया। इसमें पवन सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पैतृक भूमि गाटा संख्या-196 मि (1.914 हेक्टेयर) को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि उप निबंधक कार्यालय गोण्डा के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 1979 के जिल्द संख्या-904 के विलेख संख्या-163 के वास्तविक पन्नों को हटाकर कूटरचित पन्ने लगाए गए। इसके आधार पर गोरखनाथ सिंह के नाम से फर्जी विलेख तैयार किया गया और 2019 में अजय सिंह और अशोक कुमार सिंह ने इसी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर भूमि का बैनामा करवा लिया। 

जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि विलेख संख्या-163 में कूटरचना की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार उक्त दस्तावेज मानक से भिन्न थे और गलत तरीके से तैयार किए गए थे। अन्य विलेखों से इन दस्तावेजों में भिन्नता स्पष्ट नजर आई। इसके बाद पाया गया कि सरकारी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए इन दस्तावेजों के माध्यम से भूमि का फर्जी हस्तांतरण किया गया।

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी ने तुरंत एफआईआर दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया है। डीएम ने कहा कि सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ और जालसाजी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

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