Bareilly: सिर्फ कागज में अभियान! मुश्किल में लोगों की जान...270 दिन में पकड़े 288 पशु

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार : शहर में हजारों छुट्टा गोवंशीय पशुओं की भरमार है लेकिन नगर निगम उन्हें पकड़कर गोशाला भेजने के नाम पर कागजों का पेट भरने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हालत यह है कि रोज एक-दो पशु पकड़कर ही अभियान चलाने की खानापूरी कर दी जा रही है।

नगर निगम के अफसरों का दावा है कि स्मार्ट सिटी के कैमरों से शहर में छुट्टा पशुओं की निगरानी की जा रही है। जहां भी वे दिखते हैं, उन्हें फौरन पकड़कर गोशाला भिजवा दिया जाता है लेकिन शहर में हर तरफ छुट्टा पशुओं का भरमार इस दावे का सच बयां कर रही है। छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम कैटल कैचर गाड़ी का इस्तेमाल करता है। रोज सुबह आठ बजे नगर निगम के कर्मचारी कैटल कैचर लेकर गांधी उद्यान के पास पहुंच जाते हैं और कुछ देर बाद खानापूरी कर लौट जाते हैं।

शहर की प्रमुख सड़कों के साथ कोई ऐसा मोहल्ला या कॉलोनी नहीं है, जहां छुट्टा पशुओं के झुंड भटकते नजर न आते हों। सड़कों पर उनकी वजह से अक्सर हादसे होते हैं लेकिन अफसर फिर भी अनदेखी करते रहते हैं। सबसे ज्यादा समस्या डेलापीर, मुंशीनगर, बाकरगंज, कटरा चांद खां, कालीबाड़ी, संजयनगर, हरूनगला और पुराना शहर के इलाकों में है।

छह टीमें... 270 दिन में पकड़े सिर्फ 288 पशु
बरेली: नगर निगम ने छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए छह टीमें बनाई है। रिकॉर्ड में दर्ज है कि अप्रैल 2024 से दिसंबर तक करीब 270 दिनों में शहर में 288 पशुओं को पकड़ा गया है, साथ पशुओं को खुला छोड़ने पर 1.39 लाख रुपये जुर्माना भी वसूल किया गया है। नियम है कि पहली बार पशु पकड़े जाने पर 15 सौ रुपये और दूसरी बार में तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चल रहा है। छुट्टा पशुओं को गोशालाओं में भेजा जाता है। पशु मालिकों से जुर्माना भी वसूल किया जाता है।

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