योगी की छवि को दागदार करने का प्रयास, इस्तीफा मांगने वाले कुंठित

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Published By Muskan Dixit
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हादसे के बावजूद आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने उसी दिन किया स्नान

भास्कर दूबे, अमृत विचार, लखनऊ। भगदड़ की एक घटना को लेकर पूरी व्यवस्था पर प्रश्न उठाने वालों को यह भी देखना चाहिए कि मौनी अमावस्या से पहले ही रात को लगभग पांच करोड़ लोग सकुशल स्नान कर चुके थे और घटना के बाद भी आठ करोड़ लोगों ने सकुशल स्नान किया था। यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि एक हादसा जो हो चुका था उसके बारे में उस समय ज्यादा जानकारी देने से यदि हालात बिगड़ जाते तो और भी हादसे हो सकते थे, क्योंकि करोड़ों की संख्या में लोग एक जगह पर मौजूद थे।

संत मिथिलेश नंदनी शरण का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व और सनातन विरोधी दिव्य, भव्य महाकुंभ के आयोजन से इतने अधिक व्यथित है कि वह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने की बात गहरी कुंठा का शिकार व्यक्ति ही कर सकता है। आलोकिक कुंभ का सपना योगी की रहते ही संभव है।

महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर्व पर मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु होना बहुत दुखद खबर है। अयोध्या के प्रसिद्ध संत और आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण महाराज, जो कुंभ में मौजूद थे, उनके अनुसार इस हादसे के बावजूद आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने उसी दिन स्नान किया और सकुशल वापस घर गये, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई व्यवस्था के अनुरूप एक बड़ी उपलब्धि भी है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की आबादी देखें तो वह लगभग 60 लाख के आसपास है। कुम्भ मेले में अब तक आ चुके श्रद्धालुओं का आंकड़ा देखें तो वह 30 करोड़ के पास पहुंचने वाला है।

योगी सरकार का आकलन है कि 26 फरवरी तक चलने वाले धरती के इस सबसे बड़े मेले में 45 करोड़ के आसपास लोग आएंगे। ऐसे में आप कल्पना करके देखिये कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने और उनके लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने के लिए प्रशासन ने कितने समय से कितने प्रयास किए होंगे।

भगदड़ की एक घटना को लेकर पूरी व्यवस्था पर प्रश्न उठाने वालों को यह भी देखना चाहिए कि मौनी अमावस्या से पहले ही रात को लगभग पांच करोड़ लोग सकुशल स्नान कर चुके थे और घटना के बाद भी आठ करोड़ लोगों ने सकुशल स्नान किया था। इससे पहले के अमृत स्नान के दौरान भी लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था, लेकिन किसी को खरोंच तक नहीं आई थी। जिन लोगों को एक दिन में एक जगह पर आठ से दस करोड़ लोगों का स्नान करना मामूली बात लगती है, उन्हें पता होना चाहिए कि यह संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।

अब तक 30 करोड़ लोग सकुशल कर चुके स्नान

30 श्रद्धालुओं की मौत होना हृदय विदारक है और मृतकों के परिजनों की दशा समझी जा सकती है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि अब तक 30 करोड़ लोग सकुशल स्नान करके जा चुके हैं। देखा जाये तो कुंभ मेले की बड़ी तस्वीर भगदड़ की एक घटना की नहीं बल्कि यहां करोड़ों की संख्या में उत्साह के साथ स्नान कर बिना किसी नुकसान के जा चुके श्रद्धालुओं की है। यहां हमें यह भी समझना होगा कि भगदड़ या भूकंप या दुर्घटनाओं या हत्याओं से होने वाली मौतों पर प्रतिक्रिया करते समय या उससे संबंधित समाचार दिखाते समय हमें संयम बरतना चाहिए।

सरकार को बदनाम करने का प्रयास

उन्होंने यह भी कहा कि करोड़ों लोगों की भीड़-भाड़ वाले आयोजन में भगदड़ मचना आम बात है। इसी सामान्य सी दिखने वाली बात को बड़ी सहजता से अलगाववादी अराजकतत्वों ने अपनी कूटरचना का आधार बनाया और महाकुम्भ सरीखे जीवंत महोत्सव को मौत के मातम में बदलने प्रचार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और यूपी की छवि को दागदार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रशासक की छवि को तोड़ना, योगी सरकार को बदनाम करना, सनातन धर्मावलंबियों में असंतोष उत्पन्न कर योगी और भाजपा विरोधी वातावरण का निर्माण करना उनके कुत्सित मंसूबों का हिस्सा था। इसके अतिरिक्त मेला परिसर से लौटे विभिन्न श्रद्धालुओं के बयानों ने उपरोक्त वर्णित तथ्यों का खुलासा कर दिया है।

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