कानपुर में GT रोड पर जाम लगाने में 156 पर FIR, चार गिरफ्तार: सड़क हादसे में बच्चे की मौत के बाद लगाया था जाम

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Published By Nitesh Mishra
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शिवराजपुर थानाक्षेत्र के मुश्ता गांव में हादसे में हुई थी बच्चे की मौत

कानपुर, अमृत विचार। शिवराजपुर थानाक्षेत्र में हुए सड़क हादसे में आठ वर्षीय बच्चे की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर जीटी रोड पर लगाए गए जाम को लेकर दरोगा की तहरीर पर 156 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इस घटना में पुलिस ने छह नामजद और 150 अज्ञात महिला पुरुष को शामिल किया है। जाम लगाने के बाद पुलिस ने पूरी घटना में वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी कराई थी। अब उनमें से एक-एक को चिन्हित करके कार्रवाई की जा रही है। 

मुश्ता गांव में 30 जनवरी को सुबह स्कूल जाते समय आठ वर्षीय अर्पित की लोडर की टक्कर से मौत हो गई थी। हादसे में विष्णु भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। 

इस घटना के बाद 31 जनवरी को पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिजन गांव लेकर रवाना हो गए। यहां परिजनों और सैकड़ों ग्रामीणों ने शिवराजपुर थाने में जीटी रोड पर जाम लगा दिया। मुआवजे की मांग को लेकर परिजन हंगामा काटते रहे। 

इसके बाद एसडीएम रश्मि लांबा और ब्लॉक प्रमुख शुभम बाजपेई के हस्तक्षेप के बाद उन लोगों को शांत कराया गया। शिवराजपुर थाने के उपनिरीक्षक लोकेश सोलंकी के अनुसार शव रोड पर रखकर हंगामा करने से मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जाम लगाने से एंबुलेंस समेत कई वाहन सवारों को परेशानियां का सामना करना पड़ा। जनमानस में भय का माहौल पैदा कर दिया गया जिस कारण दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें बंद करके भाग निकले। 

इसके बाद पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई। इसके बाद चिन्हित करके कुछ प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और हिरासत में लिया। दरोगा का आरोप है, कि प्रदर्शनकारियों ने मानवाधिकार का हनन कर पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया था। 

जिसके बाद कानपुर देहात के अकबरपुर थानाक्षेत्र के नसरतपुर निवासी जीतू, बिल्हौर के उत्तरीपूरा निवासी मोहित और मुश्ता निवासी अतुल व मोनू की पहचान कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिए गए। 

इस संबंध में शिवराजपुर इंस्पेक्टर के अनुसार दरोगा लोकेश सोलंकी की तहरीर पर जीतू, मोहित, अतुल, मोनू, रामकुमार, बाबू और 100-150 पुरुष महिलाएं नाम अज्ञात के खिलाफ यदि कोई व्यक्ति या समूह घातक हथियार से हिंसा करने में, लोकसेवक को हल्की मामूली चोट पहुंचाने और काम करने से रोका जाए, रास्ते में बाधा उत्पन्न करने और अन्य धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। 

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