World Cancer Day 2025 : मोबाइल फोन के इस्तेमाल से नहीं होता किसी भी तरह का कैंसर, WHO ने दूर किया डर

कैनबरा। दुनिया भर में आम तौर पर यह धारणा है कि मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से कराये गये एक ताजा शोध में इस आशंका को सिरे से खारिज कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया की परमाणु एवं विकिरण सुरक्षा एजेंसी (एआरपीएएनएसए) द्वारा किए गए शोध में मोबाइल फोन के उपयोग और विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा कराये गये और मंगलवार को प्रकाशित शोध के मुताबिक मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियो तरंगों के संपर्क में आने पर किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं होता है। शोध में मोबाइल और ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और थायरॉयड तथा मुंह के कैंसर सहित विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया। गौरतलब है कि यह एआरपीएएनएसए द्वारा की गयी दूसरी डब्ल्यूएचओ-कमीशन व्यवस्थित समीक्षा है। सितंबर 2024 में प्रकाशित पहली समीक्षा में मोबाइल फोन के उपयोग और मस्तिष्क तथा अन्य सिर के कैंसर के बीच संबंध की खोज की गयी और कोई संबंध नहीं पाया गया था। दोनों अध्ययनों के मुख्य लेखक एवं एआरपीएएनएसए में स्वास्थ्य प्रभाव आकलन के सहायक निदेशक केन कारिपिडिस ने बताया कि नये शोध में मोबाइल फोन, मोबाइल फोन टावरों और कैंसर के बीच संबंध पर सभी उपलब्ध साक्ष्यों का मूल्यांकन किया गया है।
उन्होंने बताया कि शोधकर्ताओं को रेडियो तरंगों के संपर्क और विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं मिला, लेकिन टीम मस्तिष्क कैंसर पर समीक्षा की तुलना में परिणामों के बारे में उतनी निश्चित नहीं हो सकती। कारिपिडिस ने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि इन कैंसर और वायरलेस तकनीक से रेडियो तरंगों के संपर्क के बीच संबंध पर उतने साक्ष्य नहीं हैं।” अध्ययन में योगदान देने वाले एआरपीएएनएसए के वैज्ञानिक रोहन मेट ने बताया कि निष्कर्ष वायरलेस तकनीक और कैंसर के बारे में जनता को सूचित करने के लिए ज्ञान के भंडार में वृद्धि करेंगे। दोनों व्यवस्थित समीक्षाएं रेडियो तरंगों के संपर्क से स्वास्थ्य प्रभावों पर एक अद्यतन आकलन को सूचित करेंगी जिसे डब्ल्यूएचओ तैयार कर रहा है।
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