Kannauj: अंतर्राज्यीय चोरों ने की थी ऐतिहासिक मंदिरों में चोरी, दो गिरफ्तार, रेकी करके घटना को देते थे अंजाम, पुलिस को बताए अन्य साथियों के नाम
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कन्नौज, अमृत विचार। एसओजी, सर्विलांस व छिबरामऊ कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के मंदिरों में हुयी चोरियों का खुलासा करते हुये गिरोह के सरगना को उसके साथी समेत गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से भगवान के गहने, घंटे के अलावा करीब 40 हजार रुपये की नगदी भी बरामद की है। गिरोह ऐतिहासिक धरोहरों व मंदिरों आदि में डकैती व चोरी करता है। आरोपियों पर कन्नौज के अलावा अन्य जनपदों में भी कई मामले दर्ज हैं। अभियुक्तों ने तीन अन्य साथियों के नाम भी पुलिस को बताये हैं।
पुलिस कार्यालय में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि 19 जनवरी 2025 को कालका देवी मंदिर परिसर में बने कमरों के ताले व ग्रिल काटकर मंदिर से चढ़ावा, दानपात्र में रखे लगभग 50 हजार रुपये के अलावा सोने-चांदी के जेवरात, माता रानी के दरबार का छत्र, चांदी का मुकुट व 15 किलो पीतल के घंटे आदि चोरी हो गये थे। उसी रात बाबा की बगिया स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के दानपात्र से चढ़ावा आदि चोरी कर लिया गया था। दोनों ही मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गयी थी।
पुलिस चोरों की तलाश कर रही थी। 6 फरवरी को मिली सूचना के आधार पर सर्विलांस सेल, एसओजी व छिबरामऊ कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने खुबरियापुर मोड़ से कुंअरपुर बंजारा पुत्र नरपत सिंह निवासी रामनगर थाना ठठिया व सौरभ राजपूत पुत्र अजय राजपूत निवासी मो. अन्नपूर्णा नगर थाना तिर्वा को गिरफ्तार कर लिया। उनसे चांदी के मुकुट, छत्र, स्वास्तिक, बर्तन, चरण पादुका, तीन पीतल के घंटे व मंदिर में सजावट में प्रयुक्त होने वाली पीतल के टुकड़े, एक डीबीआर, 40,630 रुपये नगद समेत घटना में प्रयुक्त कटर बरामद किया।
इटावा, टूंडला के मंदिरों से चोरी सामान भी बरामद
एसपी ने बताया कि 9 जनवरी को इटावा के थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित श्री सांई बाबा मंदिर व 29 जनवरी को जिला फिरोजाबाद के टुंडला में श्री वैष्णो देवी धाम में हुयी चोरी में मुकुट, छत्र आदि भी बरामद किया गया।
पहले रेकी, फिर वारदात को देते अंजाम
पुलिस की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे बड़े व प्रसिद्ध मंदिरों को चिन्हित कर रेकी करते हैं। अपने साथी संजीव, शेरा, भोंदा के साथ दानपात्र का ताला काटकर चढ़ावा तथा मूर्तियों के कीमती मुकुट व छत्र आदि चोरी कर लेते हैं। यह भी बताया कि पहचान छुपाने के लिये वह लोग अपने चेहरे को किसी कपड़े से ढक लेते हैं। यदि मंदिर में कैमरा लगा होता है तो उसकी डीबीआर निकाल लेते हैं ताकि पुलिस उनकी पहचान न कर सके।