पीलीभीत: घोटाला...ग्राम प्रधान खजुरिया पचपेड़ा के अधिकार सीज, सचिवों का होगा निलंबन

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Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा की जांच में 2.14 लाख का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। डीएम ने मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए जांच में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए। वहीं उन्होंने फर्जीवाड़े में शामिल ग्राम विकास अधिकारी और तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित करते हुए नियमानुसार विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डीएम की इस कार्रवाई के बाद फर्जीवाड़े में शामिल लोगों में खलबली मची हुई है।

मामला बरखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा का है। गांव निवासी सुरजीत सिंह, परशुराम, रामऔतार आदि ने शपथ पत्र सहित डीएम से की शिकायत में ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में कराए गए कार्य में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी। डीएम के निर्देश पर जांच अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार एवं बाढ़ खंड के सहायक अभियंता धुव्र नरायन ने 17 अक्टूबर को गांव पहुंचकर मामले की जांच की थी। प्रारंभिक जांच समिति की जांच आख्या में ग्राम प्रधान एवं सचिवों द्वारा मिलकर स्टोर पर्चेज नियमावली एवं वित्तीय नियमों का घोर उल्लंघन कर मनमाने तरीके से फर्जी बिल तैयार कर शासकीय धनराशि का दुरुपयोग पाया गया था। जांच आख्या के आधार पर डीएम संजय कुमार सिंह ने एक जनवरी को ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

इसके साथ ही तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी केपी सिंह और ग्राम विकास अधिकारी पवन पटेल को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए थे। इस पर दोषी ग्राम प्रधान समेत तत्कालीन ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारी ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत किए। ग्राम प्रधान समेत सभी तीनों के स्पष्टीकरण परीक्षण एवं परिशीलन के बाद संतोषजनक नहीं पाए गए। ग्राम पंचायत की जांच में 2.14 लाख की वित्तीय अनियमितता प्रकाश में आने पर डीएम संजय कुमार सिंह ने सख्त कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा दो सचिवों को निलंबित करने का आदेश किया है। जिससे खलबली मच गई है।

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