बरेली: धमाका इतना तेज...आसपास लगे शीशे भी उड़े, पांच मीटर दूर जा गिरे तीनों, किसी का शरीर तो किसा का फटा हाथ
बरेली, अमृत विचार : बाकरगंज की मांझा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि अतीक, फैजान और सरताज हवा में उछलकर पांच मीटर दूर जा गिरी। तीनों के शरीर बुरी तरह फट गए, अतीक का एक हाथ भी कोहनी से ऊपर तक उड़ गया। विस्फोट ने आसपास की कई खिड़कियों के शीशे उड़ा दिए। घर की दीवारों में भी दरार पड़ गई। लोगों ने बताया कि जुमे की छुट्टी की वजह से फैक्ट्री में अतीक और फैजान ही काम कर रहे थे। सरताज पैसे लेने पहुंचा था। जुमा न होता तो कई और लोगों की जान चली गई होती।
पड़ोस के लोगों के मुताबिक अतीक रजा खां अपने घर में ही मांझा बनाते थे। मांझे पर चढ़ाने के लिए वह गंधक, पोटाश, सल्फर के साथ शीशे और स्टील पाउडर का मिश्रण भी घर पर ही तैयार करते थे। उनकी फैक्ट्री में कई लोग काम करते थे लेकिन जुमे की छुट्टी होने की वजह से सिर्फ फैजान ही काम पर पहुंचा था।
सरताज जरूरत पड़ने पर पैसे लेने अतीक के पास आया था। इसी दौरान बारूद के मिश्रण में विस्फोट हो गया। जोरदार धमाके ने अतीक, फैजान और सरताज तीनों को उड़ा दिया। तीनों करीब पांच मीटर दूर जा गिरे। धूल का गुबार का शांत होने तक अतीक और फैजान क्षत-विक्षत लाश में तब्दील हो चुके थे। तड़पते सरताज को फौरन अस्पताल भेजा गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। विस्फोट के बाद पूरा इलाका सहम गया।
धमाके की गूंज से अतीक के घर के साथ आसपास के कुछ घरों की खिड़कियों का शीशा भी उड़ गया। अतीक के मकान की दीवारों में भी दरार आ गई। अतीक का एक हाथ कोहनी के ऊपर से उड़ गया था। शरीर से कई जगह से खून बह रहा था। फैजान का शरीर भी जगह-जगह फट गया था। दोनों के कपड़े भी चीथड़े हो गए थे। सरताज के कमर के नीचे का हिस्सा बुरी तरह जख्मी था। तीनों के शव बुरी तरह काले पड़ गए।
घातक पदार्थों का किया जाता है इस्तेमाल चाकू से भी तेज होती है इस मांझे की धार
अतीक जिस तरह का मांझा तैयार करते थे, वह सामान्य मांझे से काफी अलग होता था। मांझा कारीगरों के मुताबिक इस मांझे को तेज बनाने के लिए उस पर कांच और स्टील पाउडर के साथ अलग किस्म के जयपुरी पाउडर का कई बार लेप चढ़ाया जाता है। इसके लिए इन चीजों की गंधक, पोटाश और चावल के साथ लुगदी बनाई जाती है। इस मांझे की धार चाकू से भी तेज होती है। एक कारीगर ने बताया कि कहने को ये मांझा देसी होता है, लेकिन होता चाइनीज मांझा से भी घातक है। शहर के किला, बाकरगंज, स्वालेनगर समेत कई इलाकों के तमाम घरों में इस तरह का मांझा बनाने का काम होता है।
कई राज्यों में होता है सप्लाई, यू-ट्यूब पर करते हैं प्रचार
कुछ कारीगरों ने बताया कि बरेली में तैयार खास किस्म का ये मांझा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बेंगलुरू, गुजरात, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, मुरादाबाद, आगरा समेत तमाम शहरों और राज्यों में भेजा जाता है। इसे बेचने के लिए फैक्ट्री मालिक यू-ट्यूब पर भी प्रचार करते हैं। एक व्यापारी ने बताया कि इस मांझे का एक डिब्बा चार से पांच हजार रुपये तक का बिकता है। इसकी ऑनलाइन बुकिंग भी होती है। आर्डर पर भी माल तैयार कर भेजा जाता है। उसने दावा किया कि अगर चेक कराया जाए तो शाहजहांपुर में जिस मांझे से सिपाही की मौत हुई थी, वह भी बरेली में बना घातक मांझा निकलेगा।
छापा पड़ने का था डर, घर के बाहर लगवा रखे थे कैमरे फैक्ट्री में न एनओसी थी न अग्निशमन यंत्र
अतीक की फैक्ट्री में प्रतिबंधित केमिकल का बगैर अनुमति इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस का छापा पड़ने के डर से अतीक ने अपने घर के आसपास भी सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे। पुलिस ने अतीक के घर में लगे डीवीआर को कब्जे में लिया है ताकि हादसे की जांच में उसकी मदद ली जा सके। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर मिले ड्रम से मांझे पर लगाने वाला मिश्रण का सैंपल लिया है। इसे जांच के लिए भेजा जाएगा।
सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा ने बताया कि जहां मांझा बनाया जा रहा था, वहां गलियां संकरी हैं। इसलिए एनओसी नहीं दी जा सकती थी। बताया, वह खुद मौके पर गए थे। फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र भी नहीं मिले हैं जबकि वहां गंधक और पोटाश का इस्तेमाल होता था। इस तरह की संकरी गलियों में बारूद रखना भी गैरकानूनी है।
अब अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा पुलिस-प्रशासन
हादसे के बाद पुलिस और जिला प्रशासन सख्त हो गया है। डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य ने जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि अगर कहीं ऐसा मांझा बनता मिला तो पुलिस कार्रवाई करेगी। एसएसपी ने बताया कि अगर जागरूकता अभियान के बाद भी सुधार न हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि वह टीम गठित कर जांच कराई जाएगी। इस टीम में प्रशासनिक अधिकारियों को रखा जाएगा। इस तरह की घटनाओं पर रोक जरूरी है।
पिता को दम तोड़ते देख पथराईं बेटे और बेटियों की आंखें
पड़ोसियों के मुताबिक अतीक करीब 20 साल से मांझा बनाने का काम कर रहे थे। उनका परिवार मकान की पहली मंजिल पर रहता है। नीचे उन्होंने मांझा बनाने का ठिकाना बना रखा था। शुक्रवार को मांझे पर चढ़ाने के लिए जब अतीक फैजान के साथ बारूद और शीशे का मिश्रण तैयार कर रहे थे, उस वक्त उनकी पत्नी फरहीन, बेटी इकरा और इरम और बेटा लारिक घर में ही मौजूद थे। दौड़कर नीचे पहुंचे चारों लोगों ने अतीक को तड़पते हुए दम तोड़ते देखा तो जड़ हो गए। पड़ोस के लोग पहुंचे, तब भी वे इतने सदमे में थे कि काफी देर तक कुछ बोल नहीं पाए।
मोहल्ले के लोग भी फैक्ट्री का नजारा देखकर सहमे
घटना के बाद मोहल्ले में काफी देर भारी दहशत का माहौल रहा। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। लोगों ने इतना ही बताया कि धमाका इतना तेज था जैसे बम फटा हो। इसके बाद अतीक के घर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। आसपास के लोग दौड़कर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर सहम गए। फैजान के भाई रिजवान ने बताया कि उनका भाई अतीक के 10 साल से काम कर रहा था। उसकी शादी नहीं हुई है। सरताज की शादी हो चुकी थी लेकिन उसने अपनी बीवी को तलाक दे दिया था।
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