MJPRU में लगे मुर्दाबाद के नारे, गलत पेपर मामले में विद्यार्थी परिषद ने किया घेराव, बोले- परीक्षा नियंत्रक इस्तीफा दो
बरेली, अमृत विचार: बीए पंचम सेमेस्टर की परीक्षा में प्रश्नों के गलत विकल्प आने के मामले में शुक्रवार को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय में दो घंटे तक परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार का घेराव किया। कार्यकर्ताओं ने परीक्षा नियंत्रक मुर्दाबाद, विश्वविद्यालय प्रशासन मुर्दाबाद, मनमानी नहीं चलेगी, जैसे नारों के साथ परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार का इस्तीफा मांगा।
विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव के नेतृत्व में कई पदाधिकारी और विद्यार्थी छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे। अवनी यादव ने कहा कि परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ी हो रही है। पेपर में गलतियां होने के बाद भी दोषियों को बचाया जा रहा है।
परीक्षा नियंत्रक मानने को राजी नहीं हुए कि एनालिटिकल एबिलिटी एंड डिजिटल अवेयरनेस के पेपर में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। काफी देर बाद उन्होंने इसको माना। हालांकि बातों ही बातों में उन्होंने यह भी कह दिया कि पेपर शिक्षक बनाते हैं। इस बात पर विद्यार्थी और उग्र हो गए। छात्रों ने कहा कि क्या विश्वविद्यालय में पेपर बनने के बाद चेक करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि ऐसा है तो यह सरासर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
कुलसचिव का अतिरिक्त चार्ज छोड़ें
इस दौरान गणित के पेपर में संगीत के सवाल आने का मुद्दा भी उठा। छात्रों ने कहा कि प्रोफेसर पर कार्रवाई हुई मगर उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया और सिर्फ एक कर्मचारी को चेतावनी दी गई। क्या पेपर बनवाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक क्लर्क की थी, जिनकी मुख्य जिम्मेदारी थी, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
कहा कि कार्रवाई नहीं की गई और सिर्फ समाचार पत्रों में झूठ छपवा दिया गया। इस पर परीक्षा नियंत्रक ने आपत्ति जताई तो पदाधिकारियों ने कार्रवाई का लेटर मांगा। कार्यकर्ताओं ने मेज पीटते हुए कहा कि परीक्षा नियंत्रक के पास रजिस्ट्रार का भी अतिरिक्त भार है। लगता है कि वह एक साथ दो-दो भार उठा नहीं पा रहे हैं। काम की अधिकता के कारण पेपरों में लगातार गलतियां हो रही हैं। ऐसे में उनको अतिरिक्त चार्ज छोड़ देना चाहिए।
दोबारा भरवाया जाता है फार्म
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि गलत प्रश्न पत्र आने से बड़ी संख्या में छात्र फेल होते हैं। इसके बाद उनसे दोबारा परीक्षा फार्म भरवाया जाता है और विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। बीए के पेपर में गड़बड़ी की जांच कर कार्रवाई के आश्वासन पर कार्यकर्ता चेतावनी देकर चले गए।
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