चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग : प्रमुख सचिव से मिले संगठन के पदाधिकारी, कर्मचारियों की इन मांगों पर बनी बात

चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग : प्रमुख सचिव से मिले संगठन के पदाधिकारी, कर्मचारियों की इन मांगों पर बनी बात

लखनऊ, अमृत विचार। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा से उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा की अगुवाई में कई संगठनों के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को रखा। जिस पर प्रमुख सचिव ने तत्काल निर्णय लिया है।

दरअसल, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट एवं बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा से सचिवालय में मुलाकात कर कर्मचारियों की समस्याओं की जानकारी दी है।

एलटी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश रावत और महामंत्री कमल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रमुख सचिव ने वेतन विसंगति के संबंध में समिति की बैठक में संवर्ग का पक्ष रखने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि कैडर रिव्यू, पदनाम परिवर्तन की प्रक्रिया को गति प्रदान कर निर्णय कराया जाएगा, साथ ही शैक्षिक योग्यता स्नातक करने के लिए सहमति व्यक्त की। मानकीकरण, एसीपी को सीएमओ स्तर पर कमेटी गठित कर कराने की बात कही है। अभी एसीपी डीजी स्तर पर होता है, जिसमें लंबा समय लगता है।

बैठक में ऐक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राममनोहर कुशवाहा और महासचिव दिलीप कुमार ने जानकारी दी है कि कर्मचारियों के प्रमोशन पर प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि जांच कर समुचित पत्रावली वित्त विभाग को भेजी जाए, पद नाम परिवर्तन और जोखिम भत्ते पर अन्य राज्यों का उदाहरण भी दिया जाए।

उत्तर प्रदेश बेसिक हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय तिवारी और महामंत्री शिवसागर शुक्ला ने बैठक में प्रमुख रूप से स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला-पुरुष की वेतन विसंगति पर चर्चा की, जिस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि यह विषय न्यायालय के अधीन है, न्यायालय के निर्णय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजकीय ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जी.एम. सिंह और संगठन सचिव एस.पी. सिंह ने बताया कि वेतन विसंगति के प्रकरण में प्रमुख सचिव ने उचित कदम उठाने की बात कही है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया है कि एसीपी विलंब से स्वीकृति प्रदान करने पर प्रमुख सचिव ने नाराजगी प्रकट करते हुए महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को निर्देश दिए हैं कि ए.सी.पी. जिलों में स्क्रीनिंग कमेटी गठित करके जनपद से ही स्वीकृति प्रदान कराई जाए। इसके अलावा जिलों में स्थित जिला चिकित्सालयों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने से वहां तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को सीएचसी और पीएचसी में तैनाती दी जाए।

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