Prayagraj News : अवमानना याचिका किसी पर दबाव डालने या परेशान करने का माध्यम नहीं

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Published By Vinay Shukla
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Prayagraj, Amrit Vichar : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका को कानून का दुरुपयोग मानकर खारिज करते हुए कहा कि अवमानना याचिका दबाव बनाने या किसी को परेशान करने का माध्यम नहीं है। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की एकलपीठ ने शिव शंकर की याचिका को 50 हजार की लागत के साथ खारिज करते हुए की।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि गांव सभा ने रिट कोर्ट के निर्देशों के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विचाराधीन भूखंड जल निकासी के लिए है, लेकिन उनका रिकॉर्ड गलत दर्ज किया गया था, इसलिए याची ने रिकॉर्ड को सही करने की सिफारिश की। उक्त रिपोर्ट के अनुसार विपक्षियों ने हाईकोर्ट के आदेश और लेखपाल की सिफारिश के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया।

हालांकि कोर्ट ने पाया कि याची के पास अतिक्रमण हटाने के और भी उपाय मौजूद थे। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 38 के तहत राजस्व प्रविष्टियों को सही करने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जा सकता है। ऐसे मामलों में अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत अवमानना कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।

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