कानपुर में DM आदेश के एक सप्ताह बाद दो सचिव और तकनीकी सहायक पर FIR: मनरेगा की राशि में खेल करने का मामला...
जांच रिपोर्ट देखने के बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई करने को दिए थे निर्देश
कानपुर, अमृत विचार। मजदूरों का पैसा तकनीकी घपला कर अपने करीबियों के खाते में पहुंचाने वाले दोनों सचिवों और तकनीकी सहायक के खिलाफ एक सप्ताह बाद कार्रवाई की गई।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इन पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे। बीडीओ बुधवार को उनके खिलाफ सरसौल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले में प्रधान पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
मामला सरसौल ब्लॉक के निवादा बौसर का है। यहां के रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने ग्राम प्रधान समरजीत सिंह के खिलाफ मनरेगा के रुपयों में घालमेल करने को लेकर सीडीओ दीक्षा जैन से शिकायत की थी। कहा था कि गलत तरीके से भुगतान कर श्रमिकों की कमाई करीबियों को पहुंचाई गई है।
इस पर सीडीओ ने जांच कमेटी बनाई। जांच में तकनीकी ढंग से यह घालमेल किया गया पाया। जांच रिपोर्ट में पंचायत सचिव हरिकृष्ण पाल व सुरेंद्र गौतम ने तकनीकी सहायक प्रमेश यादव के साथ मिलकर मनरेगा के श्रमिकों का पैसा अपनी करीबी ग्रामीणों के खाते में पहुंचाया था।
जिलाधिकारी ने चार फरवरी को जांच रिपोर्ट देखने के बाद तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे। उसके बाद डीपीआरओ मनोज कुमार ने भी कोई कार्रवाई नहीं की और बीडीओ निशांत राय ने आठ दिन बाद यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। विभागीय कार्रवाई डीपीआरओ स्तर पर होनी है।
ये था मामला
वर्ष 2019 से 2022 तक यह खेल चला था। पंचायत सचिव हरिकृष्ण पाल ने वर्ष 2019 से 2021 तक और पंचायत सचिव सुरेंद्र गौतम ने तकनीकि सहायक प्रमेश यादव की मदद से वर्ष 2021 से 2022 तक 99912 रुपये का मजदूरों के खाते में न भेजकर करीबी ग्रामीणों के खाते में भेज दिए थे।
इस पर तकनीकी सहायक ने आईडी को लेकर तकनीकी घालमेल किया था। इस मामले में सहायक मनरेगा अधिकारी (एपीओ) सर्वेश कुमार व ग्राम प्रधान के भी शामिल होने की बात सामने आई थी।
