Lucknow News : निजी अस्पताल में महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा
दो निजी अस्पतालों के डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप, सिजेरियन प्रसव के बाद महिला की बिगड़ गई थी तबियत
Lucknow, Amrit Vichar: तेलीबाग के निजी अस्पताल में सिजेरियन प्रसव के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। उसे शहीदपथ स्थिति दूसरे निजी अस्पताल रेफर किया गया। जहां मंगलवार को महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझाकर शांत कराया। परिजनों ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच के लिए सीएमओ को पत्र भेजने की बात कही है। परिजन बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही शव को लेकर चले गए।
जानकीपुरम निवासी सौरभ सचान की गर्भवती पत्नी दर्शिका सचान (30) का इलाज तेलीबाग स्थित जावित्री अस्पताल से चल रहा था। पति के मुताबिक दर्शिका को 13 फरवरी को जावित्री अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 14 फरवरी को ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद दर्शिका को रक्तस्राव होता रहा। भाई अभिषेक का आरोप है कि रक्तस्राव रोकने के लिए ऑपरेशन दोबारा किया गया। हालत में सुधार नहीं हुआ और रक्तस्राव होता रहा। इससे किडनी, लिवर में भी दिक्कत होने लगी। आनन फानन में जावित्री अस्पताल के डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने पर वृंदावन शहीद पथ स्थित वेल्सन हॉस्पिटल में मरीज को रेफर कर दिया। वेल्सन अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला का गलत ऑपरेशन कर नस काट दी गई है।
इस वजह से रक्तस्राव होने से मरीज को सेप्टिक शॉक हो गया है। वेल्सन में ही दर्शिका की मंगलवार को मौत हो गई। भाई अभिषेक के मुताबिक वेल्सन अस्पताल से इलाज की हिस्ट्री मांगी गई तो टालमटोल किया गया। बाद में केस हिस्ट्री बदलने का आरोप लगाते हुए मृतक के परिवारीजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर मामला शांत कराया। पीजीआई इंस्पेक्टर रवि शंकर त्रिपाठी के मुताबिक पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर मिली है। मामले की जांच के लिए सीएमओ को पत्र लिखा जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जावित्री अस्पताल डॉ. राजुल त्यागी ने बताया कि मरीज का लिवर फंक्शन खराब था। खून जमने की क्षमता भी गड़बड़ थी। भर्ती के अगले दिन सुबह बच्चे की धड़कन कम होने लगी तो तुरंत ही ऑपरेशन किया गया। दोपहर 12 बजे मरीज के पेट में पड़े ट्यूब से थोड़ा ब्लड आया था। ब्लड जम नहीं रहा था। यूरिन फारमेशन बंद हो गया, लेकिन ब्लीडिंग नहीं हो रही थी। डायलिसिस की सुविधा न होने पर वेल्सन पर भेज दिया गया। महिला का हीमोग्लोबिन 9.5 था। वेल्सन में चार दिन तक मरीज ठीक रही। कल शाम को वेल्सन में महिला को यूरिन भी बना था। परिवारीजन का बिल 62 हजार था, लेकिन 35 हजार ही जमा थे। बाकी बिल भी नहीं जमा किया। बच्चे को लेकर चले गए। गलत इलाज या ऑपरेशन के आरोप बेबुनियाद हैं।
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